Bob Biswas Review in Hindi

2012 में विद्या बालन की एक फिल्म आई थी जिसका नाम था कहानी। उस फिल्म में विद्या बालन की एक्टिंग और किरदार को सब लोगों ने बहुत पसंद किया पर उससे ज्यादा फिल्म में सबसे ज्यादा ध्यान आकर्षित किया बॉब नाम के बंदे ने। बॉब का किरदार बंगाली फिल्मों के एक जाने माने चेहरे सास्वता चेटर्जी ने निभाया था और इतने कमाल से निभाया था के उनके चंद मिनट के किरदार ने सबको अपना फैन बना लिया था। 

bob biswas review in hindi
Bob Biswas Review in Hindi

बॉब एक सीरियल किलर था जिसे विद्या बालन को मारने का काम सौंपा गया था और उस किरदार ने दर्शकों पर ऐसा असर किया के लोग उस किरदार के ऊपर अलग से फिल्म मांगने लगे और दर्शकों की इसी फरमाइश को इस साल पूरा किया गया और आयी बॉब की पहली सोलो फिल्म बॉब बिस्वास। 

हटके है फिल्म की कहानी Bob Biswas Film Review in Hindi

थिएटर में नहीं zee5 पर रिलीज़ हुई बॉब बिस्वास

फिल्म की कहानी शुरू होती है बॉब के हॉस्पिटल से डिस्चार्ज होते हुए। एक दुर्घटना में बॉब घायल हो गया था जिससे वो काफी देर तक कोमा में रहा और अब उसे कुछ भी याद नहीं। अपने पिछले समय के बारे में वो सब कुछ भूल चुका है और उसे तो ये भी याद नहीं के उसकी शादी हुई है और उसके बच्चे भी है। 

फिल्म आगे बढ़ती है और हमे बॉब के बारे में और पता चलता है वो एक कॉन्ट्रैक्ट किलर होता है जो पैसों के लिए किसी को भी मार देता है।फिल्म बहुत सरे सस्पेंस के साथ आगे बढ़ती है और हर कुछ देर में फिल्म हमे सरप्राइज करती है। 

फिल्म में दो कहानियां साथ साथ चलती है एक तो बॉब बिस्वास अपने पास्ट से झूझ रहा है वो सब याद करने की कोशिश कर रहा है और साथ के साथ उसे मिल रहे नए कॉन्ट्रैक्ट्स को वो पूरा कर रहा है और दूसरी तरफ एक कहानी ये भी चल रही है के शहर में एक गैंग बच्चों को ब्लू नाम के नशे पर लगा रही है। 

वो ड्रग बच्चों को पढ़ाई में कंसन्ट्रेट करने में मदद करती है पर धीरे धीरे शहर के बच्चे उस नशे के आदि हो रहे है और नशे के लिए किसी भी हद तक जाते दिखाए गए है। 

उन बच्चों में बॉब बिस्वास की बेटी भी फस जाती है। 

अब बॉब कैसे अपना पिछले समय याद करेगा, वो क्या काम करता था वो कैसे याद आएगा, क्या उसका दर्दनाक भूतकाल उसका पीछा छोड़ पायेगा या क्या वो अपनी बेटी को नशे से छुड़ा पायेगा? इन सब सवालों के जवाब के लिए आपको ये फिल्म देखनी चाहिए। 

एक्टर्स Bob Biswas Cast in Hindi

कहानी फिल्म में बॉब बिस्वास का किरदार सास्वता चेटर्जी ने निभाया था पर इस फिल्म में बॉब का किरदार अभिषेक बच्चन ने निभाया है। अभिषेक बच्चन की पत्नी का किरदार चित्रांगदा सिंह ने निभाया है। 

फिल्म का एक अहम किरदार प्राण बनर्जी ने निभाया उनके द्वारा निभाया काली दा का किरदार इस फिल्म का अहम और सबसे बेहतरीन किरदार था। 

जो हमेशा उसूलों की बात करते है और उनके लिए सभी लोग एक समान है। फिल्म में उनका होम्योपैथिक दवाइयों का क्लीनिक है पर दवाइयों के साथ साथ वो बॉब जैसे लोगों की भी मदद करते हैं। फिल्म में एक अहम किरदार पूरब कोहली ने निभाया है जो बच्चों में ब्लू नाम का ड्रग सप्लाई करता है। 

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फिल्म रिव्यु 

हमने जब पहली बार बॉब को कहानी फिल्म में देखा था हम तबसे ही इसके फैन हो गए थे। इतने लम्बे समय के इंतज़ार के बाद हमे बॉब की फिल्म देखने को मिली और फिल्म ने हमे निराश नहीं किया। फिल्म की ओवरआल लुक बहुत अच्छी है ये आँखों को सुकून देती है। फिल्म देखने पर कहीं पर भी धीमी या कहीं पर भागती हुई नहीं लगती यानि की फिल्म की गति एकदम सटीक है।  

फिल्म के निर्देशक है दिया अनपूर्णा घोष ने जो इससे पहले कुछ शार्ट फ़िल्में बना चुके हैं। उनकी ये पहली डायरेक्शनल फिल्म है और उन्होंने पहली फिल्म में ही बहुत अच्छा काम किया है। फिल्म को लिखा है सुजॉय घोष ने जिन्होंने इससे पहले कहानी, बदला, बैंग बैंग, जैसी फिल्मों को लिख चुके हैं। 

फिल्म में सभी एक्टर्स ने बेहतरीन काम किया है। फिल्म का म्यूजिक बहुत अच्छे है। निर्माताओं ने बहुत सूझ के साथ जहां संगीत की जरूरत है वहीं इसका इस्तेमाल किया है। मुझे सबसे अच्छी बात ये लगी के फिल्म में फालतू का कोई गाना नहीं है। 

जो लोग अभिषेक बच्चन को एक अच्छा एक्टर नहीं मानते तो इस फिल्म में उन्होंने ये साबित किया है के एक अच्छी स्क्रिप्ट मिलने पर वो बेहतरीन काम कर सकते हैं। 

फिल्म की सिनेमेटोग्राफी बहुत अच्छी है। फिल्म कोलकाता में सेट है तो कोलकाता को बहुत ख़ूबसूरती से दिखाया गया है। बॉब बिस्वास की पहली फिल्म होने की वजह से ज्यादा फोकस उसकी पर्सनल लाइफ पर किया गया है काम पर कम। जो कुछ हालातों में ठीक भी है। 

आपको ये फिल्म देखनी चाहिए या नहीं 

एक अच्छी कहानी के लिए और अच्छे एक्टर्स की अच्छी एक्टिंग देखने के लिए आप ये फिल्म देख सकते हैं। साल का अंत होने वाला है और इस समय पर ऐसी फिल्म देखने को मिले तो और क्या चाहिए। हालांकि ये एक कम्पलीट क्राइम थ्रिलर या ड्रामा मूवी नहीं है पर फिर भी फिल्म आपको अंत तक बांधे रखती है।

एक्टर्स की एक्टिंग और फिल्म का सस्पेंस देखने के लिए आप ये फिल्म देख सकते हैं। IMDB पर इसे 7.3 की रेटिंग मिली है जो फिल्म के हिसाब से ठीक है। 

अगर आपके पास समय है और आप उसे कहीं लगाना चाहते हैं तो बॉब बिस्वास देख डालिये। 

Rahul Sharma

हमारा नाम है राहुल,अपने सुना ही होगा। रहने वाले हैं पटियाला के। नाजायज़ व्हट्सऐप्प शेयर करने की उम्र में, कलम और कीबोर्ड से खेल रहे हैं। लिखने पर सरकार कोई टैक्स नहीं लगाती है, शौक़ सिर्फ़ कलाकारी का रहा है, जिसे हम समय-समय पर व्यंग्य, आर्टिकल, बायोग्राफीज़ इत्यादि के ज़रिए पूरा कर लेते हैं | हमारी प्रेरणा आरक्षित नहीं है। कोई भी सजीव निर्जीव हमें प्रेरित कर सकती है। जीवन में यही सुख है के दिमाग काबू में है और साँसे चल रही है, बाकी आज कल का ज़माना तो पता ही है |

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