आर्य कौन थे वह भारत कब आए

Aryan Invasion Theory in Hindi – हमारे पूर्वजों का जीवन कैसा रहा होगा…. वह लोग अपना जीवन यापन करने के लिए क्या करते रहे होंगे… उन्होंने खेती-बाड़ी की तकनीकें तथा पशुपालन इत्यादि के बारे में कहां से सीखा होगा…

ये सब ऐसे सवाल हैं जिनका सटीक जवाब हमारे पास अब तक नहीं है। वैसे भी इतिहास से जुड़े प्रश्नों के जवाब सटीक न हो कर संभावनाओं और सिद्धांतों पर ही आधारित होते हैं।

लेख की शुरुआत में आए सवालों का जवाब भी विभिन्न संभावनाओं तथा सिद्धांतो के द्वारा दिया जाता है।

Aryan Invasion Theory in Hindi
Aryan Invasion Theory in Hindi

इन प्रश्नों का उत्तर देने के लिए सबसे ज़्यादा जिस सिद्धांत का उपयोग किया जाता है, वह सिद्धांत Aryan Invasion Theory है। Aryan Invasion Theory इतिहास का बेहद ही अहम थ्योरी है।

तो चलिए इसी  Aryan Invasion Theory के बारे में विस्तार से बात करते हैं।

इस लेख में हम बात करेंगे कि Aryan Invasion Theory क्या है।

और इस थ्योरी पर बार बार सवाल क्यों उठते हैं ?

सिनौली के रहस्यों से पर्दा उठने के बाद Aryan Invasion Theory पर और भी सवाल उठने लगे हैं | 

तो चलिए जानते हैं Aryan Invasion Theory का पूरा सच |

आर्यन इनवेजन थ्योरी क्या है Aryan Invasion Theory in Hindi

Aryan Invasion Theory क्या है, इसे समझने से पहले इतिहास में थोड़ा पीछे चल कर देखते हैं।

जब भारत पर अंग्रेजों का कब्ज़ा हो गया तो धीरे-धीरे उन्होंने यहां की सभी चीज़ों को अपने हिसाब से बदलना शुरू कर दिया।

उन्होंने एजुकेशन सिस्टम को मॉडर्न करने के नाम पर भारतीय एजुकेशन सिस्टम को भी अपने हिसाब से गढ़ना शुरु किया।

इतिहास भी इससे अछूता न रह सका। अंग्रेजों ने इतिहास को भी अपने हिसाब से गढ़ना शुरू कर दिया।

18वीं शताब्दी के अंत तक भारत में इतिहास को लेकर जो नज़रिया था, उसे Max Muller नाम के एक जर्मन इतिहासकार ने पूरी तरीके से बदल दिया।

इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट की माने तो मैक्स मुलर ने अपनी पत्नी को लिखे खत में कहा था कि उसे वेदों को इस तरह से ट्रांसलेट करने का काम दिया गया है जिससे हिन्दुओं का उनमें विश्वास खत्म हो जाए | 

18 वीं शताब्दी के शुरुआत तक यह माना जा रहा था कि आर्यन भारत के मूल निवासी हैं तथा उन्होंने ही भारत में खेती, पशुपालन, भाषा इत्यादि को बढ़ावा दिया।

इसके अलावा माना जाता था कि इन्हीं लोगों ने दुनिया को यह सब तकनीक सिखाई। लेकिन मैक्स मूलर ने आर्यन इन्वेजन थ्योरी देते हुए पूरी सोच ही बदल कर रख दी।

Aryan Invasion Theory क्या है, ये समझने के लिए पहले आपको इन तीनो शब्दों के अर्थों को अलग-अलग समझना होगा।

Aryan – आर्यन का मतलब यहां एक खास समूह के लोगो से है।

Invasion – Invasion अंग्रेज़ी का एक शब्द है। इसका अर्थ होता है “आक्रमण”

Theory – Theory का हिंदी अर्थ तो आप भी समझ ही गए होंगे। जिन्हें समझ नहीं आया है उन्हें बता दें कि Theory का अर्थ होता है सिद्धांत.

आर्यन इनवेजन थ्योरी का पूरा सच Aryan Invasion Theory Truth in Hindi

चलिए अब हम फाइनली बात करते हैं कि आर्यन इनवेजन थ्योरी क्या था। दरअसल अब तक माना जा रहा था कि आर्यन भारत के मूलनिवासी है तथा उन्होंने ही भारत से सभ्यता को दुनिया के दूसरे देशों तक पहुंचाया।

लेकिन मैक्स मूलर ने अपनी थ्योरी में बताया कि आर्यन भारत के मूल निवासी है ही नहीं। उन्होंने अपने रिसर्च के आधार पर दावा किया कि आर्यन दरअसल यूरोप से उत्तर भारत की तरफ आए।

मैक्स मूलर की थ्योरी के हिसाब से 2000 BCE के आसपास यूरोपीय देशों से चलकर आने वाले ये आर्यन आक्रमणकारी थे।

थ्योरी के हिसाब से आर्यन ने उत्तर भारत के क्षेत्रों पर हमला करना शुरू कर दिया। जैसे-जैसे आर्यन आगे बढ़ते गए, उन्होंने उत्तर भारत के क्षेत्रों में रह रहे मूल निवासियों को खदेड़ना शुरू कर दिया।

इस कारण आर्यन के हमलों से परेशान यहां के मूल निवासी पलायन करना शुरू कर गए तथा वह दक्षिण भारत की ओर बढ़ते चले गए।

मूल निवासियों के पलायन की वजह से आर्यन उत्तर भारत में फैल गए तथा यहां के मूल निवासी दक्षिण भारत की ओर पलायन कर गये जिन्हें द्रविड़ नाम दिया गया।

मुलर ने अपनी थ्योरी में आगे बताया कि जब आर्यन भारत में आए तो उन्होंने देखा कि यहां के लोगों के पास सभ्यता नाम की कोई चीज नहीं थी,

ना तो इन्हें खेती करने का तरीका मालूम था और ना ही इन्हें पशुपालन के बारे में कोई जानकारी थी। यहां तक कि मुलर दावा करते हैं कि उस समय भारत के लोगों को भाषा का भी ज्ञान नहीं था।

थ्योरी के हिसाब से फिर आर्यन लोगों ने ही भारत के लोगों को खेती के बारे में बताया। इसके अलावा आर्यन ने ही यहां पशुपालन के बारे में लोगों को जानकारी दी।

मुलर की थ्योरी ये भी कहती है कि उस समय है भारतीय लोगों को भाषा का भी ज्ञान नहीं था तथा आर्यन ने ही भारत में संस्कृत भाषा को जन्म दिया तथा उन्होंने यहां के लोगों को यह भाषा सिखाई।

आर्य कौन थे

आर्यन इनवेजन थिअरी का सबसे चौंकाने वाला भाग यह भी है कि इस थ्योरी में दावा किया गया है कि वेद भी इन्हीं आर्यन ने लिखी।

धीरे-धीरे आर्यों ने अपनी ये सभी तकनीक अखंड भारत यानी वर्तमान पाकिस्तान, बांग्लादेश ईरान समेत कई एशियाई देशों तक पहुंचाया।

मोटा मोटी बात करें तो आर्यन इनवेजन थ्योरी का निचोड़ यही है जो अभी हमने बताया।

इस थ्योरी के आने के बाद एक तरीके से भारत का पूरा इतिहास ही बदल गया तथा भारत में जिन्हें मसीहा समझा जा रहा था इस थ्योरी ने उन्हें विलन ही बना दिया

तथा इस थ्योरी के हिसाब से भारत के मूल भारतीयों को बिल्कुल निरक्षर तथा मूर्ख की तरह पेश किया गया।

चूंकि शुरुआती समय में बहुत ज्यादा तकनीक भारत के पास नहीं थी। ऐसे में इस थ्योरी को भी सच मान लिया गया।

लेकिन जब बाद में रिसर्च का काम शुरू की हुआ तो जो खुलासे हुए, उन खुलासों ने आर्यन इनवेजन थिअरी पर ही सवाल उठाने शुरू कर दिए।

आर्य भारत के मूल निवासी

इस थ्योरी पर सबसे पहले 1857-58 में सवाल उठना शुरू हुआ। दरअसल यह वह समय था जब भारत में रेलवे का जाल बिछाने का काम शुरू हुआ था।

रेलवे के काम के लिए बहुत अधिक मात्रा में ईंट – पत्थर की जरूरत थी। ऐसे में जब वर्तमान पाकिस्तान के हिस्सों से खुदाई करके ईट पत्थर लाना शुरू किया गया तो वह कई जगह खुदाई होने से जमीन के नीचे हजारों साल पुराने शहरों का पता चला।

एक के बाद एक कई शहर निकलते चले गए। मोहनजोदड़ो सभ्यता भी इसी दौरान प्रकाश में आई।

इसी तरह 1922 आते आते Indus Valley Civilization के बारे में भी लोगों को पता चला । अध्ययन से सामने आया कि इंडस वैली सिविलाइजेशन इनवेजन थिअरी के मुकाबले कई गुना पुराना है।

इस तरह विस्तार से जांच पड़ताल के बाद साबित हो गया कि आर्यन इनवेजन से पहले भी भारत में अपनी सिविलाइजेशन मौजूद थी।

अध्ययन से ये भी साबित हो गया कि इंडस वैली के जमाने में भी खेती की तकनीकें मौजूद थी। उस समय भी पशु पालन किया जाता था। इसके अलावा उस समय भी भाषा का ज्ञान लोगों में खूब था।

मैक्स मूलर ने अपनी आर्यन इनवेजन थिअरी में दावा किया कि आर्यन ने ही वेद को लिखा तथा संस्कृत का उदय भी इन्हीं के जमाने में हुआ था।

लेकिन रिसर्च में ये दावा भी गलत साबित हो गया। वेद के बारे में कहा जाता है कि ये तो हजारों हजार साल पुरानी किताब है तथा ये स्वयं भगवान की वाणी है। इसे किसी इंसान ने लिखा ही नहीं है।

इस तरह आर्यन इनवेजन थिअरी ही पूरी तरीके से कटघरे में खड़ी हो गई।

राखीगढ़ी में मिले और सबूत

हरियाणा में एक जगह है राखीगढ़ी। यहां अरबों साल पुराने नर कंकाल दबे हुए हैं। हाल ही में यहां से कंकाल लेकर उसका डीएनए टेस्ट किया गया।

जब डीएनए टेस्ट किया गया तो इसके DNA किसी भी यूरोपीय देशों से नहीं मिले। बल्कि इसके डीएनए भारत-पाकिस्तान इत्यादि देशों में रह रहे लोगों से ही मिले।

इससे ये साबित हो गया कि थ्योरी में जिन आर्यन को आक्रमणकारी बताया गया था, वह आक्रमणकारी नहीं थे। बल्कि वही भारत के मूल निवासी थे तथा आर्यन बाहर से नहीं आए थे।

जब और विस्तार से रिसर्च किया गया तो यह खुलासा हुआ कि बाहरी देशों से भारत में तो कोई नहीं आया लेकिन उस दौर में भारतीय लोग जरूर कई दूसरे देशों में गए तथा उन्होंने ही दूसरे देशों को सभ्यता सिखाई तथा उन्हें भाषा, खेती, पशुपालन इत्यादि का ज्ञान दिया।

अंत में कहें तो कुछ विशेषज्ञों की राय में आर्यन इनवेजन थ्योरी पूरी तरीके से गलत नहीं है। बल्कि इसके कुछ भाग ही भ्रामक या गलत है। जबकि कुछ लोग इसे पूरी तरीके से गलत मानते हैं।

हाल में उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के सिनौली गांव से मिले मानव कंकाल, रथ, आधुनिक तलवार, शील्ड जैसी चीजें मिली हैं जो की 4 हज़ार साल पुरानी बताई जा रही हैं |

इन चीजों में सबसे महत्वपूर्ण खोज रथ को बताया जा रहा है | रथ का मिलना Indo-Aryan migration theory पर सवाल उठाता है क्यूंकि इस थ्योरी के अनुसार आर्य ही भारत में घोड़े लाये थे | लेकिन घोड़ों से खींचे जाने वाले रथों का मिलना इस थ्योरी को गलत साबित करता है |

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तो दोस्तों, ये था आर्यन इनवेजन थ्योरी के बारे में पूरी जानकारी। उम्मीद है आर्यन इनवेजन थ्योरी के बारे में आप को महत्वपूर्ण जानकारी मिली होगी।

Mohan

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