बिल गेट्स की सफलता की कहानी

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Bill Gates Biography in Hindi

जब सारी दुनिया डिग्रियों के पीछे पागल है, माँ-बाप पढ़ने के लिए बच्चों को मना-मना के थक जा रहे हैं, तब एक आदमी आता है और हमें सीखने की अहमियत बताता है। वो बताता है कि सिर्फ पढ़ना ही नहीं सीखना भी जरूरी है। 

मैं परीक्षा में कुछ सब्जेक्ट्स में फेल हो गया लेकिन मेरा दोस्त सब में पास हो गया | आज वो माइक्रोसॉफ्ट में इंजीनियर है और मैं मालिक |

Bill Gates

दोस्तों आप समझ ही गए होंगे की में किस शख्स की बात कर रहा हूँ | जी हाँ मैं बात कर रहा हूँ माइक्रोसॉफ्ट के मालिक बिल गेट्स (Bill Gates) की |

बिल गेट्स दुनिया के सबसे बड़े लॉ कॉलेज, हावर्ड यूनिवर्सिटी (Harvard University) से ड्रॉप आउट हैं।

हॉवर्ड से ड्राप आउट होने के बावजूद बिल गेट्स ने कंप्यूटर की दुनिया में क्रांति लाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) बना डाली |

इसके बाद एक दिन ऐसा आया जब हॉवर्ड ने बिल गेट्स को बुला कर उन्हें उनकी डिग्री दी |

वो ना जाने कितनी बार दुनिया के सबसे अमीर व्यक्तियों की सूचि में अपना नाम पहले नंबर पर दर्ज करवा चुके हैं|

तो कैसे बने बिल गेट्स नंबर वन |

आइये जानते हैं बिल गेट्स की सफलता की कहानी (Bill Gates Biography in Hindi)

बिल गेट्स का जन्म और परिवार Bill Gates Birth and Family

अक्टूबर 28, 1955, सिएटल वाशिंग्टन में एक वकील दम्पति के यहां जन्म हुआ उनके दूसरे बच्चे का।

बेबी बॉय का नाम रखा गया बिल गेट्स। उन्हें विलियम हेनरी गेट्स III के नाम से भी जाना जाता है |

उनके परिवार में कुल पांच सदस्य थे | उनके परिवार में उनके माता पिता के अलावा उनकी दो बहने थी | बड़ी बहन का नाम था क्रिस्टिआन (Kristianne) और छोटी बहन का नाम लिब्बी (Libby) था |

बिल गेट्स के पिता विल्लीयम हेनरी गेट्स एक शानदार वकील थे। बिल गेट्स की मां मैरी मेक्सवेल ने बहुत से कॉरपोरेशन्स के बोर्ड मेंबर के रूप में कार्य किया | वो एक अध्यापक और एक बिज़नेस वुमन थी | 

मैरी के बारे में कहा जाता है कि वो काफी साहसी थीं और उस समय के छात्रों की समस्याओं के लिए बोला करतीं थीं, वहीं बिल गेट्स के पिता काफी शर्मिले थे, लेकिन वो जितना बोलते थे वो शानदार होता था।

बिल गेट्स में ये दोनों ही गुण आ गए। उनके भाषण सुनिए, आपको अंदाजा होगा कि वो क्या हैं? वो कितनी सौम्यता से बड़ी-बड़ी चीजें कह जाते हैं। 

बिल गेट्स का बचपन अपनी बड़ी और छोटी बहन के साथ बीता। बिल बचपन से ही काफी ज्यादा होशियार थे और काफी ज्यादा क्रिएटिव थे।

बिल गेट्स का अपनी मां से बहुत भावुक नाता था। बिल गेट्स की मां, सामाजिक कार्यों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया करती थीं, रूढ़ियों के खिलाफ थीं, रूढ़ी वादियों के खिलाफ थीं, बिल भी वैसे ही हैं। 

बिल की माता एक अध्यापक के रूप में कार्यरत थीं, और वे गरीब बच्चों के लिए फंड जुटाने को सिविल ऑफिसर की तरह कार्य करती थीं। उन्होने कई कॉर्पोरेट बोर्ड के लिए भी काम किया है, जिसमें आईबीएम (IBM) भी शामिल है।

बिल की मां जब भी किसी फंड रेजिंग इवेंट में जाया करतीं, तब वहां पर बिल को भी ले जाया करतीं। सामाजिक कार्यों का गुण बिल गेट्स में यहीं से आया। 

इसी गुण के कारण बिल गेट्स ने बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन (The Bill and Melinda Gates Foundation) नाम के चैरिटबल संस्था की स्थापना की |

बिल गेट्स की शिक्षा Bill Gates’s Education

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Source: Reddit

बिल गेट्स बचपन में घंटों किताबें पढ़ते हुए बिताया करते थे। पहले कोर्स की किताबें खत्म करते, फिर नॉवल पढ़ते, इनसाईक्लोपीडि़या पढ़ते, और जब इतना सब पढ़कर बोर हो जाते, तो टेलीफोन डायरेक्टरी पढ़ते।

बिल की ये पढ़ाई उनकी मार्कशीट में भी नज़र आती थी।

हर जगह ए वन। वो स्कूल में अच्छा प्रदर्शन तो करते थे, मगर कुछ ऐसा था जो उन्हे परेशान करता रहता था। वो स्कूल में बोर हो जाते थे, क्योंकि वहाँ जो पढ़ाया जाता था वे उसे पहले ही पढ़ लिया करते थे।

बिल गेट्स की क्लास में उनके कोई खास दोस्त नहीं थे, वो कई मौकों पर बिल्कुल ही अकेले पड़ जाते थे। बिल गेट्स के पैरेंट्स इस बात को लेकर काफी ज्यादा परेशान थे।

उन्हे लगता था कि बिल गेट्स जिंदगी के सफर में अकेले पड़ जाएंगे। इसी परेशानी से पार पाने के लिए बिल गेट्स के पैरेंट्स ने उन्हे लेक साइड स्कूल में डाल दिया। ये मामूली सा लाइफ इवेंट भी हो सकता था |

लेकिन ऐसा नहीं था, क्योंकि इस स्कूल में मैथ्स के साथ, इंग्लिश के साथ, ड्रामा भी था, म्यूजिक भी था और वो सब कुछ था जो करना क्रिएटिविटी कहलाता है। और बिल गेट्स तो थे ही क्रिएटिव, स्कूल और गेट्स की जम गई। ग्रेजुएशन तक साथ रहा।

जब निकले तब स्कूल के सबसे अच्छे स्टूडेंट का रिवार्ड लेकर निकले। स्कूल में उन दिनों ग्रेजुएट बच्चों का एक टेस्ट हुआ करता था, जिसे सैट कहते हैं, उस टेस्ट में बिल गेट्स ने 1590 मार्क्स स्कोर किए, जानते हैं कितने में से, 1600 में से। इस एक टेस्ट के कारण बिल प्रसिद्ध हो गए और उन्हे हावर्ड ने बुला लिया। 

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हारवर्ड से ड्राप आउट Harvard Drop Out

बिल गेट्स 1973 में हावर्ड यूनिवर्सिटी ला पढ़ने चले गए। सोचा कि ला में करियर बनाएंगे, पैरेंट्स की तरह एक सिक्योरड लाइफ जियेंगे, और बस। लेकिन हावर्ड बिल गेट्स को नहीं जमा। बिल गेट्स को अब एक नया दोस्त मिल गया था जिसका नाम था कंप्यूटर।

गेटस के सारे दिन अब इसी नए दोस्त के साथ बीतते। कॉलेज में भी उनका कोई खास ध्यान नहीं था और वो अवरेज ग्रेड के साथ पास होते जा रहे थे।

लेकिन इस बात ने उनके मां और पिता को परेशान कर दिया, क्योंकि उन्हे तो होनहार बिल चाहिए था जो हर टेस्ट में टॉप करे।

इसी जद्दोजहद में बिल गेटस ने कॉलेज छोड़ दिया। कई लोगों ऐसी अफवाहें फैलाते हैं कि हावर्ड ने बिल गेट्स को निकाला था लेकिन ऐसा नहीं था। बिल गेट्स ने खुद हावर्ड छोड़ा था। 

माइक्रोसॉफ्ट का जन्म Birth of Microsoft

लेक्साइड स्कूल में बिल के दोस्त हुआ करते थे, एलेन। एलेन भी गेटस की तरह ही थे क्रिएटिव और अक्लमंद। एलेन के साथ मिलकर बिल गेट्स ने कंप्यूटर सर्विस कम्पनी स्टार्ट की थी, उस कंपनी ने 20,000 डॉलर का बिजनेस भी किया था।

लेकिन गेटस को वो कम्पनी बन्द करनी पड़ी क्योंकि उनके पैरेंट्स ने उन्हे हाई स्कूल कंप्लीट करने के लिए कहा, क्योंकि उनकी उम्र उस वक़्त केवल 15 थी और एलेन 17 के थे।

एलेन का एडमिशन वाशिंग्टन की स्टेट यूनिवसिर्टी में हुआ, लेकिन एलेन ने भी दो साल बाद वो यूनिवर्सिटी बिल गेट्स की तरह ही छोड़ दी। दोनों बोस्टन में मिले और उन्होने कंप्यूटर फील्ड में कुछ करने का प्लान बनाया।

1975 में बिल गेटस और एलेन ने मिलकर माइक्रो सॉफ्ट बनाया। माइक्रो सॉफ्ट का मतलब था माइक्रो कंप्यूटर्स के लिए सॉफ्टवेयर।

उन माइक्रो कंप्यूटर्स को आज पर्सनल कंप्यूटर कहते हैं। कम्पनी को शुरुआती दिनों में काफी झटके खाने पड़े। इनवेस्टर ढूंढने से लेकर, उन दिनों की कंप्यूटर प्रोड्यूसर कम्पनीज को यकीन दिलाने तक का काम बहुत मुश्किल रहा करता था।

बिल के लिए मुसीबत और बढ़ गई जब 1983 में एलेन ने कम्पनी छोड़ दी। बिल बिल्कुल अकेले पड़ गए। लेकिन बिल ने हार नहीं मानी।

25 कर्मचारियों वाली माइक्रोसॉफ्ट को वो धीरे धीरे आगे बढ़ाते रहे। माइक्रोसॉफ्ट की किस्मत तब बदली जब उन्हे आईबीएम का हाथ मिला। आईबीएम के कंप्यूटर्स और माइक्रोसॉफ्ट के सॉफ्टवेयर ने मिलकर धूम मचा दी। उसके बाद से बिल गेट्स ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। 

आज बिल गेट्स दुनिया के सबसे अमीर आदमियों में से एक हैं, लेकिन सबसे अमीर आदमी दौलत से प्यार करना नहीं सिखाता, वो डिग्री के पीछे भागने को नहीं कहता, वो कहता है कि सीखने पर ध्यान दो। जो भी करो मन से करो। 

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Mohan

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