Davinder Bambiha Biography in Hindi पंजाब के बंबीहा गैंग की कहानी

Davinder Bambiha Biography in Hindi – सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद पंजाब के दो gang काफी चर्चा में आए, 

पहला लॉरेंस बिश्नोई गैंग जिसने मूसेवाला की हत्या की थी और दूसरा बंबीहा गैंग जो तब से मूसेवाला की मौत का बदला लेने की बात कर रहा है | 

इसी Bambiha गैंग की स्थापना Davinder Bambiha ने की थी. हालांकि अब Davinder इस दुनिया में नहीं है उसकी बढ़ती आपराधिक गतिविधियों के चलते police ने उसका Encounter plan किया और उसको मार गिराया.

davinder bambiha biography in hindi

भले ही Davinder Bambiha इस दुनिया में ना हो लेकिन उसके कुछ सहयोगी आज भी Davinder Bambiha गैंग के नाम से एक group चलाते हैं.

Davinder, gangster बनने से पहले एक अच्छा कबड्डी player हुआ करता है. लेकिन बाद में वो पंजाब का एक most wanted criminal बन गया. आइये जानते हैं कि ये सब क्यों और कैसे हुआ.

Davinder Bambiha का असली नाम Davinder Singh Sidhu था. वो bambiha गाँव का रहने वाला था. उसके पिता का नाम सरदार इकबाल सिंह और उसकी माँ का नाम परमजीत कौर था.

Davinder का जन्म 21 अगस्त 1990 को Bathinda district के Bambiha गाँव में हुआ. Davinder शुरु ने criminal minded नहीं था. बल्कि वो पढ़ाई में काफी अच्छा था. इसलिए उसने DAV कॉलेज में भी admission लिया.

इसी दौरान उसने कबड्डी खेलना भी शुरू किया. दुबले पतले छरहरे शरीर वाला Davinder अच्छा कबड्डी player भी था और अपने पूरे college में  कबड्डी के लिए जाना जाता था |

कैसे बना गैंगस्टर

बाकी students की तरह Davinder भी एक अच्छा और regular student था. वो एक सामान्य किसान परिवार से आता था. लेकिन उसकी जिंदगी की कहानी उस दिन पूरी तरह बदल गयी जब एक दिन वो अपने दोस्त की girlfriend का एक matter solve करने उसके साथ गया.

हालांकि वो गया तो matter solve करने था लेकिन दोनों समूहों में झड़प हुई दोस्त से एक लड़के का murder हो गया. इस crime के लिए दविंदर को भी Jail हो गयी.

Jail से बाहर आने वाला दविंदर college में जाकर पढ़ने वाला normal लड़का नहीं रहा था. अब वो criminal mindset वाला इंसान बन चुका था.

Jail में रहने के दौरान दविंदर आपराधिक मामलों में शामिल रहने वाले अन्य लोगों के संपर्क में आया और दविंदर सिंह सिद्धू, दविंदर सिंह बम्बिहा बन गया.

उसने चोरी डकैती जैसी अन्य आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देना शुरू कर दिया. 2010 में 21 साल की उम्र में उसके खिलाफ एक मुकदमा दर्ज किया गया, 2011 में वो जेल से भागा |

जेल से भागकर उसने davinder Bambiha gang नाम से एक gangster group बनाया जो उसके मारे जाने के बाद भी आज तक चल रहा है.

जेल से भागने के बाद Davinder Bambiha के गुनाह लागातर बढ़ते ही जा रहे थे. उसने police की नाक में दम कर दिया था.

Bambiha के गुनाह इस कदर बढ़ते जा रहे थे कि साल 2011 से 2015 तक वो Punjab का most wanted criminal था.

वो बहुत ही फुर्तीला और तेज था. हमेशा अपनी आपराधिक गतिविधियों के बाद बच निकलता था. Police भी उससे परेशान हो चुकी थी.

उसके खिलाफ हत्या के कई मामले दर्ज थे |

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दविंदर बंबीहा का एनकाउंटर (Davinder Bambiha Biography in Hindi)

2016 में Student leader से सरपंच बने रविंद्र सिंह उर्फ रविंद्र ख्वाजा की हत्या का आरोप भी bambiha पर था.

Hindustan times की एक report के अनुसार ख्वाजा फरवरी 2016 में एक शादी समारोह में गया था. जहाँ bambiha ने उस पर 14 गोलियाँ दागकर उसकी हत्या कर दी थी.

इस घटना के सात महीने बाद सितंबर 2016 में Bhatinda के रामपुरा फूल गाँव में police ने उसका encounter कर दिया.

उसकी आपराधिक गतिविधियाँ कुछ ज्यादा ही बढ़ गयी थी. और इसी लिए police ने उसके साथ मुठभेड़ की योजना बना कर उसका encounter करने का plan बनाया था. और उसका encounter कर दिया गया था |

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Davinder की मौत के बाद कौन चलता है बंबीहा गैंग

Police ने davinder Bambiha को तो मार गिराया लेकिन उसकी मौत के बाद भी bambiha Gang का खात्मा नहीं हुआ.

अब सवाल ये आता है कि davinder की मौत की बाद अब Bambiha Gang को चला कौन रहा है?

Davinder की मौत के बाद उसकी gang को गौरव पटियाल उर्फ लकी और सुखप्रीत सिंह बुड्ढा चला रहे थे.

गौरव पटियाल चंडीगढ़ का रहने वाला है. Davinder की मौत के बाद उसी ने bambiha गैंग की कमान संभाली और इस समय वो Armenia में बैठ कर Gang का संचालन करता है.

गौर करने वाली बात ये है की पटियाल jail से भागने के बाद Armenia भाग गया था. कई सालों से पंजाब police उसे वापस लाने की कोशिश कर रही है. लेकिन अब तक तो ये कोशिश नाकामयाब ही रही है.

इसके अलावा Bambiha gang का दूसरा सरगना सुखप्रीत सिंह बुड्ढा मोगा जिले का रहने वाला है और फिलहाल संगरूर जेल में बंद है.

यहाँ तक कि पंजाब की आपराधिक गतिविधियों की समझ रखने वाले कहते हैं कि Bambiha Gang, Davinder की  मौत के बाद और ज्यादा बढ़ा. और इसमें सबसे बड़ा हाथ पटियाल का ही रहा.

उसने पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल  दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 300 से भी ज्यादा gangsters को भर्ती किया है.

यहाँ तक कि उसने दिल्ली हरियाणा के gangster और विश्नोई gang के विरोधी टिल्लू ताजपुरिया और नीरज बवाना के साथ मिलकर दिल्ली NCR में भी अपने networks को strong किया.

Bambiha Gang और विश्नोई Gang का connection –

जैसे हर Gang को अपने इलाके की दूसरी Gangs से problem होती है. वैसे ही अपने इलाके में Bambiha Gang की सबसे बड़ी दुश्मन है विश्नोई Gang.

इस gang की rivalry ने ना जाने कितने लोगों की हत्या हुई है. सिद्धू मूसेवाला का murder भी इसी Gang की rivalry का ही नतीजा था.

Bambiha Gang के बड़े कांड (Davinder Bambiha History in Hindi)

# विक्की मिद्दुखेडा हत्याकांड –

विक्की मिद्दुखेडा उर्फ विक्रमजीत सिंह युवा अकाली दल का एक नेता था. मुक्तसर साहिब जिले के मलोट से ताल्लुक रखता था.

वो अकाली दल के नेता सुखबीर बादल का करीबी था. उसने पंजाब university के department of defence studies में दाखिला लिया. और साल 2009 में उसे student organisation of Punjab university का अध्यक्ष बना दिया गया.

ये वही संगठन है जिसे लौरेंस विश्नोई ने बनाया था. यानी विक्की लौरेंस विश्नोई का भी करीबी था.

विक्की मिद्दुखेडा हत्याकांड में जब police ने आरोपियों को पकड़ा तो इसमें सिद्धू मूसेवाला के मैनेजर शगुनप्रीत सिंह का नाम भी सामने आया.

शगुनप्रीत पर आरोप था कि उसने मिद्दुखेडा की हत्या करने वाले shooters का सहयोग कर भागने में उनकी मदद की थी. और उनके रहने का इंतज़ाम भी किया था.

हालांकि police उसको पकड़ नहीं पायी. और वो April में Australia भाग गया. कहते हैं पंजाब music industry में वर्चस्व विक्की की मौत का कारण बनी. Music industry में उसका जबरदस्त दबदबा था. यहाँ तक कि बड़े बड़े singers उसके contact में रहते थे.

Police जाँच में सामने आया की गुरुग्राम के कौशल चौधरी ने पटियाल की मदद के लिए अपने गिरोह के कुछ भगौड़े सदस्यों के साथ मिलकर इस वारदात को अंजाम दिया था. कौशल अब करनाल jail में बंद है.

# गोल्डी बरार के भाई की हत्या.

गोल्डी बरार के भाई गुरलाल सिंह बरार की हत्या भी बम्बिहा gang के लोगों ने ही की थी.

गुरलाल बरार लौरेंस विश्नोई का भी करीबी था. एक समय पर वो student organisation of Punjab university का अध्यक्ष भी रह चुका था.

# सिद्धू मूसेवाला murder case से connection –

मिद्दुखेडा और गुरलाल बरार की हत्या का बदला लेने के लिए ही विश्नोई Gang ने सिद्धू मूसेवाला की हत्या की थी.

विश्नोई gang का कहना है कि मूसेवाला ने मिद्दुखेडा के कत्ल में शामिल शगुनप्रीत की भागने में मदद की थी. इसलिए विश्नोई Gang ने बदला लेने के लिए मूसेवाला को मार दिया.

मूसेवाला की मौत के बाद बम्बिहा गैंग भी सामने आई और गैंग की तरफ से मूसेवाला की मौत का बदला लेने का ऐलान किया गया.

तो ये थी Gangster Davinder Bambiha और उसकी Bambiha Gang के बारे में जानकारी.

Shubham

नमस्ते! मेरा नाम शुभम जैन है। मैं मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले में रहता हूं और मैंने Physics में M. Sc. की है। मुझे साइंस से जुड़े फैक्ट्स, महान लोगों की जीवनियां और इतिहास से जुड़ी घटनाओं के बारे में लिखने का अनुभव है |

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