General Bipin Rawat Biography in Hindi जनरल बिपिन रावत बायोग्राफी हिंदी

आज भारत माता एक और सपूत हमे हमेशा के लिए छोड़ कर चला गया। जिन्होंने पुरे जीवनभर भारत माता की सेवा की। हम बात कर रहे हैं भारत के पहले चीफ ऑफ़ डिफेन्स जनरल बिपिन रावत की।

CDS यानी Chief of Defence Staff की पदवी हासिल करने वाले ये पहले भारतीय हैं इनसे पहले आज तक किसी को भी ये उपाधि नहीं दी गयी। CDS के रूप में इनका काम तीनो सेनाओ के बीच तालमेल बनाये रखना और देश के रक्षा मंत्री जी के प्रमुख सलाहकारों में से एक है।

General Bipin Rawat Biography in Hindi
General Bipin Rawat Biography in Hindi

CDS का काम केवल तीनों सेनाओं की के बीच सही मेल बना कर रखना है इन्हे सेना के कामों में दखल देने का अधिकार नहीं है।

कारगिल युद्ध के बाद एक्सपर्ट कमेटी ने सबसे पहले CDS के पद की सिफारिश की थी | कारगिल की लड़ाई में भारत को बहुत नुक्सान उठाना पड़ा था और एक्सपर्ट कमेटी ने सुझाव दिया था कि अगर तीनो सेनाओं में बेहतर तालमेल होता तो इस युद्ध में कम नुक्सान उठाना पड़ता |

कौन है भारत के पहले CDS ? General Bipin Rawat Biography in Hindi

जनरल बिपिन रावत जी का जन्म उत्तराखण्ड के देहरादून में हुआ। भारतीय फौज में जाकर देश की सेवा करने का जज़्बा बचपन से ही था क्योंकि पिता जी का नाम एलएस रावत था और वो भी भारतीय फौज में लेफ्टिनेंट जनरल थे।

बिपिन जी का पूरा बचपन फौजियों में ही बीता। बिपिन जी की शुरुआती पढ़ाई शिमला के सेंट एडवर्ड स्कुल में हुई और इसके बाद अपनी आगे की पढ़ाई करने और फौज की ट्रेनिंग के लिए इन्होने देहरादून की इंडियन मिलट्री एकेडमी में दखिला लिया।

मिलिट्री स्कूल में बढ़िया प्रदर्शन करने के लिए इन्हे उस समय SWORD OF HONOUR से सम्मानित किया गया था। इसके बाद बिपिन जी अमेरिका चले गए और वहां सर्विस स्टाफ कॉलेज से पढ़ाई पूरी की।

उनके मन में हमेशा से ही एक फौजी बनना था तो अमेरिका से वापिस आकर वो इसके लिए लगातार प्रयास करते रहे और आखिरकार दिसम्बर 1978 को उन्हें गोरखा 11 राइफल्स की 5वीं बटालियन में शामिल किया गया जो उनके लिए गर्व की बात थी और यहीं से ही उनका सफर शुरू हुआ।

गोरखा बटालियन में बिपिन जी ने बहुत कुछ सीखा और यहां पर वो बहुत सारी जिम्मेवारिआं भी संभालते थे।

एक निडर सैनिक

बिपिन रावत जी एक निडर सैनिक थे। बिपिन जी की पहली पोस्टींग दूर दराज़ के मिजोरम में हुई और वहां पर इन्हे अपनी बटालियन का नेतृत्व भी किया। जब बटालियन का नेतृत्व इनके हाथ में था तो उस समय उनकी बटालियन को उत्तर पूर्व की सर्वश्रेष्ठ बटालियन चुना गया।

बिपिन जी ने लगभग 10 सालों तक आतंकवाद को रोकने के लिए शुरू किये गए बहुत सारे अभियानों में हिस्सा लिया और खुद भी बहुत सारे अभियान चलाये।

देश के साथ साथ बिपिन जी ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी और देशों की मदद की। बिपिन जी ने UN के कांगो मिशन में तकरीबन 7000 लोगों की जान बचाई थी जिससे इन्हे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर काफी पहचान मिली।

1999 में भारत पाकिस्तान के बीच हुए कारगिल युद्ध में भी बिपिन जी ने अपनी बहादुरी दिखाई और भारत की इस युद्ध में जीत हुई।

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भारत के उत्तर पूर्वी राज्यों की बहुत सारी जगहों पर अक्सर आतंकवादी हमले होते रहे हैं। ऐसे ही एक बार मणिपुर में एक आतंकी हमला हुआ और इस हमले में भारतीय सेना के 18 जवान शहीद हुए।

जो भारत के लिए एक बड़ा नुकसान था क्योंकि देश के 18 जांबाज़ सैनिक शहीद हो गए थे। आतंकियों को पकड़ने के लिए सेना कमांडों ने मयंमार के रस्ते उन आतंकियों पर हमला किया जिसमे NSCN के कई आतंकी मारे गए। ये मिशन पैरा 21 ने जो उस समय थर्ड कॉर्प्स का अंदर था और उस समय थर्ड कॉर्प्स के कमांडर बिपिन जी ही थे।

29 सितम्बर 2016 को पाकिस्तान के कब्ज़े वाले कश्मीर में रातों रत स्पेशल कमांडों यूनिट के ज़रिये एक ऑपरेशन किया गया और इसमें बहुत सारे आतंकी मारे गए। इस ऑपरेशन में बिपिन जी की अहम भूमिका थी।

CDS बनने तक का सफर

31 दिसंबर 2016 से पहले दलबीर सिंह सुहाग जी भारतीय सेना के प्रमुख थे पर इस दिन उनकी जगह बिपिन रावत जी ने ली। उन्हें भारतीय सेना का 27 वां प्रमुख बनाया गया और उनकी काबिलियत को देखते हुए 2016 में, जब उस समय 2 सीनियर अफसर मौजूद थे तो उस समय भी उन दोनों सीनियर अफसरों को छोड़ कर बिपिन जी को आर्मी चीफ बनाया गया था।

जब बिपिन रावत को उनके दो सीनियर्स को सुपरसीड करके आर्मी चीफ बनाया गया तो इस पर बहुत से सवाल उठे | लेकिन ऐसा नहीं है के ये पहली बार हुआ था इससे पहले 1983 में इंदिरा गाँधी ने Lt Gen SK Sinha के सीनियर होने के बावजूद Gen AS Vaidya को आर्मी चीफ बनाया था |

31 दिसम्बर 2019 बिपिन रावत इस पद पर रहे और उन्होंने इस पुरे समय दौरान भारतीय सेना को और बेहतर बनाने के लिए बहुत सारे काम किये।

1 जनवरी 2020 को बिपिन जी को वो पद दिया गया जो आज से पहले कभी किसी को नहीं मिला था। उन्हें भारत का पहला CDS बनाया गया।

अन्य जानकारी More Information About General Bipin Rawat in Hindi

बिपिन रावत जी ने पूरी उम्र देश की सेवा की और भारतीय सेन और बेहतर कैसे हो सकती है हमेशा इसपर विचार किया। किसी भी देश की सेना देश के लिए सबसे अहम होती है क्योकि अगर सेना मज़बूत होगी तो कोई भी दुश्मन देश हमला करने से हज़ार बार सोचेगा।

बहुत सारे युद्धों में हिस्सा लेने की वजह से उन्हें आक्रमण करने और रोकने की नीतियां बनाने में महारत हासिल हो गयी थी। बिपिन जी ने III Corps, GOC-C Southern Command, IMA Dehradun, Military Operations Directorate जैसे आर्मी विभागों के लिए काम किया और हमेशा अपने काम से दूसरों को प्रेरित किया।

बिपिन रावत जी दक्षिणी कमान के कमांडर और सहसेनाध्यक्ष के रूप में भी अपनी सेवा निभा चुके हैं।

एक माहिर सैनिक और आर्मी प्रमुख होने के साथ साथ रावत जी एक अच्छे लेखक भी हैं इन्होने रक्षा को लेकर और सेना को लेकर बहुत सारी किताबें और जर्नल लिखे हैं जिन्हे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लोगों ने बहुत पसंद किया है।
बिपिन जी को बहुत सारे पुरुस्कार भी दिए गए हैं जिनमे

  • परम विशिष्ट सेवा पदक
  • उत्तम युद्ध सेवा पदक
  • अति विशिष्ट सेवा पदक
  • युद्ध सेवा पदक
  • सेना पदक
  • विशिष्ट सेवा पदक अदि प्रमुख हैं।

आज के दिन यानि दिसम्बर 12, 2021 को तमिलनाडु के कुन्नूर में एक हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया जिसमे भारत के इस वीर बिपिन रावत जी के साथ इनकी पत्नी और 12 अन्य लोगों की मृत्यु हो गयी है।

बिपिन रावत जी ने देश के लिए बहुत बहादुरी के काम किये और भारतीय सेना के गौरव को बढ़ाया है |

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Rahul Sharma

हमारा नाम है राहुल,अपने सुना ही होगा। रहने वाले हैं पटियाला के। नाजायज़ व्हट्सऐप्प शेयर करने की उम्र में, कलम और कीबोर्ड से खेल रहे हैं। लिखने पर सरकार कोई टैक्स नहीं लगाती है, शौक़ सिर्फ़ कलाकारी का रहा है, जिसे हम समय-समय पर व्यंग्य, आर्टिकल, बायोग्राफीज़ इत्यादि के ज़रिए पूरा कर लेते हैं | हमारी प्रेरणा आरक्षित नहीं है। कोई भी सजीव निर्जीव हमें प्रेरित कर सकती है। जीवन में यही सुख है के दिमाग काबू में है और साँसे चल रही है, बाकी आज कल का ज़माना तो पता ही है |

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