Goldfish Ka Scientific Naam Kya Hai -गोल्डफिश का साइंटिफिक नाम क्या है?

Gold Fish Ka Scientific Naam Kya Hai – वैसे तो मछलियों से हमारा नाता हमेशा से रहा है लेकिन कुछ मछलियां ऐसी हैं जो कि मनुष्यों के लिए बहुत ही जरूरी मानी गई हैं। उन्हीं मछलियों में से एक है गोल्ड फिश | बहुत से लोग इंटरनेट पर खोजते हैं कि गोल्डफिश का साइंटिफिक नाम क्या है? क्या आप जानते हैं Gold Fish को घर में रखना शुभ भी माना जाता है | इसके अलावा इस अनोखी मछली के बारे में और भी बहुत सी बातें आज हम आपको बताने वाले हैं |

गोल्ड फिश यानि सुनहरी मछली | लेकिन ये इसका scientific naam नहीं है बल्कि इसे तो आप इसका हिंदी नाम कह सकते हैं | गोल्ड फिश को आपने अक्सर अपने आसपास घरों में या फिर एक्वेरियम में देखा होगा। लेकिन क्या आपने कभी ये जानने की कोशिश की है ये, कि ये सुनहरी मछली इतनी खास क्यों है? और आखिर क्यों इसे घर में रखना शुभ माना जाता है? अगर नहीं तो आइये जानते हैं इन सभी सवालों का जवाब और बहू चर्चित प्रश्न (Goldfish Ka Scientific Naam Kya Hai) का उत्तर भी ? जानेंगे कि आखिर गोल्ड फिश का साइंटिफिक नाम क्या है।

गोल्ड फिश : बेसिक जानकारी (Basic Details About Goldfish) 

Goldfish का वैज्ञानिक नाम (Scientific Name)कैरासियस औराटस (Carassius Auratus)
Goldfish का हिंदी नामसुनहरी मछली (Goldfish)
प्राणी जगत (Kingdom)जंतु 
संघ (Phylum)कोरडाटा 
वर्ग (Class)एक्टिनोटेरगी
गण (Order)प्रिनीफॉर्म्स
कुल (Family)प्रीनीडाय
वंश (Subfamily)सेरेसियस
जाति (Genus)सेरेसियस ओतारस
उपजाति (Species)सेरेसियस ओतारस

Gold Fish Ka Scientific Naam Kya Hai – गोल्डफिश का साइंटिफिक नाम क्या है

तो दोस्तों अब आपको बताते हैं गोल्डफिश का साइंटिफिक नाम क्या है? इसका साइंटिफिक नाम सेरेसियस ओतारस है। यह एक साफ पानी की मछली है और यह बात बहुत ध्यान देने लायक हैं। हालांकि आपको यह जानकर हैरानी होगी कि इस प्रश्न को लोग उत्सुकता वश नहीं बल्कि इसलिए पूछ रहे हैं क्योंकि उन्होंने इसे गूगल के एड में देखा था।

तो अगर आप भी वो ई देखकर जानना चाह रहे थे तो गोल्ड फिश का साइंटिफिक नाम (Gold Fish Ka Scientific Naam Kya Hai) सेरेसियस ओतारस है। अगर आप गोल्ड फिश के बारे में और बहुत कुछ जानना चाहते हैं तो नीचे स्क्रॉल करते जाएं ताकि गोल्ड फिश के बारे में विस्तार से जान सकें। 

कॉमन गोल्ड फिश और गोल्ड फिश (Common Goldfish And Goldfish)

दोस्तों कैसा लगेगा अगर इंसान अपने पूर्वजों के साथ ही रहना शुरू कर दें? यह हैरानी वाली बात तो है लेकिन जलीय जीवों की दुनिया में ये हो रहा है। जब भी आप गोल्ड फिश लेने जाएंगे, आपको कई तरह की गोल्ड फिश के बारे में बताया जाएगा, जिसमें सबसे ज्यादा कॉमन है, कॉमन गोल्ड फिश।

वहीँ अगर आपको केवल गोल्ड फिश के नाम से ही कोई फिश दिखाई जा रही है तो वो इसकी पूर्वज है। अगर आपको दोनों के बीच अन्तर करना हो तो आप आसानी से आगे बताये गये बिंदुओं को ध्यान में रखकर अन्तर कर सकते हैं। 

कॉमन गोल्ड फिश और गोल्ड फिश के बीच अन्तर (Difference Between Common Goldfish and Goldfish) 

Common Gold Fish

दुनिया भर में गोल्ड फिश के 33 से ज्यादा प्रकार हैं लेकिन इनमे जो सबसे ज्यादा कॉमन है वो कॉमन गोल्ड फिश और पूर्वज गोल्ड फिश। कॉमन गोल्ड फिश दिखने में ज्यादा सुनहरी होती हैं और वह अधिकतर घरों में पायी जाती है। वहीँ अगर गोल्ड फिश की बात करें तो उसमे आपको रफ पैच नजर आ सकते हैं। ये रफ पैच देखकर आपको अंदाजा लग जाएगा कि ये सुनहरी मछली पूर्वज है क्योंकि समुद्र में सर्वाइवल के निशान अभी भी देखे जा सकते हैं। 

गोल्ड फिश से जुड़े रोचक तथ्य (Interesting Facts About Goldfish) 

गोल्ड फिश वैसे तो एक आम सी सुनहरी मछली नजर आती है लेकिन जब आप गोल्ड फिश से जुड़े हैरान कर देने वाले फैक्ट जानेंगे तो आप तुरंत ही इसे पालने के लिए तैयार हो जाएंगे। गोल्ड फिश से जुड़े अमेजिंग फैक्ट :-

पेट (Stomach)

वैसे तो हर जानवर जो भी कुछ करता है अपने पेट को भरने के लिए ही करता है लेकिन गोल्ड फिश के पास अपना कोई पेट नहीं होता। इसलिए गोल्ड फिश कई अलग अलग सेशन में खाना खाती है और बहुत सारा मल भी उत्पादित करती है। पेट ना होने के कारण गोल्ड फिश खाना होल्ड नहीं कर पाती है। 

जीवनकाल (Life)

वैसे तो यह देखा गया है कि मछलियों की उम्र काफी कम होती है लेकिन गोल्ड फिश के साथ ऐसा नहीं है। अगर गोल्ड फिश को अच्छे से केयर के साथ रखा जाए तो ये एक दो साल नहीं बल्कि 40 साल तक जीवित रह सकती है। हाल ही में बीबीसी न्युज में एक गोल्ड फिश के बारे में छापा गया था जो कि 45 सालों से ज्यादा उम्र की थी। ये काफी हैरान करने वाला है क्योंकि आजकल मनुष्यों का जीवनकाल भी इससे कम हो गया है। 

झुंड (Troubling)

अँग्रेजी में एक शब्द है ट्रबल (Trouble), जिसका मतलब होता है परेशानी। क्या आप सोच सकते हैं कि किसी जंतु के झुंड का नाम परेशानी हो सकता है, जबकि वो जंतु कोई खुंखार जानवर नहीं बल्कि एक सुन्दर दिखने वाली सुनहरी मछली है। ना जाने किस ने गोल्ड फिश के झुंड का नाम (Troubling) रखा। यह फैक्ट हैरान करने वाला है। 

मेमोरी (Memory)

अलग अलग जानवरों की मेमोरी अलग अलग होती है। वैसे तो मछलियों में सबसे ज्यादा स्मार्ट और सबसे ज्यादा मेमोरी वाला डॉल्फिन को माना जाता है, लेकिन गोल्ड फिश भी इस मामले में कम नहीं है। गोल्ड फिश आपके घर में लगभग सभी लोगों के चेहरे और उनके व्यावहार को याद रख सकती हैं।

जैसे उदाहरण के लिए एक डॉग अपने मालिक और खाना खिलाने वाले को देख करके उत्साह से पुंछ हिलाने लगता है, ऐसा ही कुछ गोल्ड फिश के साथ भी है। वह तीन महीनों तक किसी का भी चेहरा याद रख सकती हैं।

हालांकि स्वस्थ सुनहरी मछलियों में ये समय तीन महीनें से ज्यादा भी हो सकता। मेमोरी से ज्यादा स्वास्थ्य का फर्क़ और भी चीजों पर पड़ता है। जैसे एक गोल्ड फिश अलग अलग खुशबू याद रख सकती है। यह याद रख सकती है कि कौन सा रंग कैसा होता है और सबसे जरूरी यह कि खाने का रंग कौन सा है? क्यों हैं ना ये हैरान कर देने वाली बात? 

लंबाई (Length)

वैसे तो गोल्ड फिश आकर में छोटी छोटी होती हैं लेकिन इनकी कुछ ब्रीड ऐसी हैं, जो कि आकार में तकरीबन 1 फुट तक लंबी हो सकती हैं। हालांकि अगर आप भी चाहते हैं कि आपकी गोल्ड फिश अच्छी खासी लंबी हो जाए तो उसे कम से कम एक टैंक में जरूर रखें और वातावरण को बेहतर बनाकर रखें। गोल्ड फिश को ठीक ढंग से पालने के लिए क्या क्या करना चाहिए, यह आगे बताया गया है। 

प्रकार (Types)

शुरुआत में केवल कुछ ही प्रकार की गोल्ड फिश मौजूद थीं लेकिन अब तकरीबन 33 से भी ज्यादा गोल्ड फिश के प्रकार मौजूद हैं। ऐसा प्राकृतिक तौर पर नहीं हुआ बल्कि इंसानों द्वारा कराया गया। इंसानों ने अलग अलग गोल्ड फिश की ब्रिडिंग कराकर कई सारे प्रकार बना दिए और हैरानी की बात ये है कि ये सिलसिला अभी रुका नहीं है। 

आंखें (Eyes)

आप जब भी अपने टैंक के पास जाकर देखेंगे तो पाएंगे कि आपको गोल्ड फिश लगातार एकटक आपको देखे जा रही है। आप चाहे दिन के, हफ्ते के या साल के किसी भी समय करें, 24 घंटे उसकी आँखें खुली रहती हैं? तो क्या बिना पेट वाली ये मछलियां सोती नहीं हैं? दरअसल इनकी आंखें बंद नहीं होती। गोल्ड फिश अपनी आंखें बंद नहीं कर सकतीं इसलिए ये सोती तो हैं लेकिन आंखे खुली रहती हैं। 

शुरुआत से (From The Beginning)

गोल्ड फिश को हमेशा से ही तरक्की का पर्याय माना गया है। आगे आप जानेंगे ऐसा क्यों लेकिन अभी हैरान करने वाला फैक्ट ये है कि गोल्ड फिश को लगभग 2000 सालों से पाला जा रहा है। हम अक्सर यह कहते हैं कि डॉग हमारा सबसे पुराना दोस्त है लेकिन अगर जलीय जीवों की बात करें तो गोल्ड फिश भी हमारी बहुत पुरानी साथी रही है। 

सर्वहारी (Omnivores)

आखिरी फैक्ट ये है कि ये बिना पेट वाली सुनहरी मछलियां किसी भी समय भूखी हो सकती हैं इसलिए अगर आप इन्हें टैंक में पाल रहे हैं तो ध्यान से रखिएगा क्योंकि इन्हें अक्सर दूसरी मछलियों का शिकार करते हुए पाया जाता है। हालांकि अगर आप कई सारी मछलियों को एक साथ पाल रहे हैं तो या तो उनके आहार का समय पर प्रबंध करें या फिर गृह युद्ध देखने के लिए तैयार रहें। 

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गोल्ड फिश रखने के लिए टिप्स (Tips for Goldfish Pet) 

अब आप जान चुके हैं कि गोल्डफिश का साइंटिफिक नाम क्या है और ये भी के ये एक एलीट फिश है। सुनहरी मछली के नाम से जानी जाने वाली ये मछली भारतीय घरों में भी काफी प्रसिद्ध है, और भारतीय इसे पालना पसंद करते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं? अच्छी देखरेख ना मिलने के कारण 40 सालों तक जिंदा रह सकने वाली गोल्ड फिश केवल, अधिकतम 2-3 सालों के लिए जिंदा रह पाती है। अगर आप गोल्ड फिश पालन करना चाहते हैं तो आगे बताई गई टिप्स को जरूर ध्यान में रखें :- 

टैंक खरीदें (Buy a tank)

हम भारतीय जुगाड़ लगाने में उस्ताद होते हैं इसलिए कई बार हम गोल्ड फिश को किसी बाउल में या काटी हुई बोतल में पालना शुरू कर देते हैं। ऐसा कभी मत करिए, अगर आप गोल्ड फिश पालना चाहते हैं तो एक टैंक खरीदें। क्योंकि गोल्ड फिश को लगातार विचरण करते रहना काफी पसंद होता है। 

एसेसरीज (Accessories)

गोल्ड फिश हमेशा साफ पानी में ही जिंदा रह पाती है, इसलिए अगर आप टैंक में सुनहरी मछलियों का पालन करने जा रहे हैं तो कोशिश करें कि आपके टैंक में एसेसरीज की पूरी व्यवस्था हो। जैसे टैंक में फिल्टर लगे होने चाहिए जो कि लगातार फिल्टरिंग करते रहें। इसके अलावा अगर आप मछलियों का पुनरुत्पादन करवाना चाहते हैं तो अपने टैंक में पेड़ पौधों भी लगाएं क्योंकि गोल्ड फिश के अंडे अक्सर इन्हीं पेड़ों से चिपककर वयस्क होते हैं। 

वाटर एंड क्लीनिंग (Water and cleaning)

सुनहरी मछलियां हमेशा साफ पानी में ही जिंदा रहती हैं इसलिए पानी को साफ करने की व्यवस्था बनाकर रखिए और हमेशा यह कोशिश करिए कि  आपका टैंक लगातार अन्तराल के बाद साफ होता रहे। 

आहार (Goldfish Feeding)

सुनहरी मछलियों को वैसे तो केवल दिन में एक ही बार खाना देना होता है लेकिन उन्हें ऐसा कुछ भी खाने को ना दें जो कि उनके पानी को गन्दा करे। कोशिश यह करें कि आप उनका आहार एक सर्टिफाइड दुकान से खरीदें। 

बीमारियां (Signs That Goldfish is ill)

हमेशा अपनी गोल्ड फिश पर करीब से नजर बनाकर रखें। दरअसल कई बार गोल्ड फिश बीमार होती हैं और हम उनकी बिल्कुल भी परवाह नहीं करते। अगर वह बार बार जमीन से टकरा रही है, खुद को ऑब्जेक्ट्स से रगड़ रही है तो निश्चित तौर पर आपकी मछली की तबीयत खराब है। अगर वह तैरते हुए कांप रही है तब भी उसकी तबीयत खराब होने के लक्षण हैं। 

क्यों माना जाता है घर में रखना शुभ? (Why Goldfish is called Lucky) 

यह प्रथा आज से नहीं बल्कि कई सदियों से चली आ रही है। दरअसल इसकी शुरुआत चीन से हुई थी। चीन में गोल्ड फिश को रखना शुभ माना जाता है।

चीनी दंत कथाओं में यह माना जाता है कि एक गोल्ड फिश सीधे तौर पर हवा, पानी, आग, पृथ्वी और जीवन के तीनों रूपों मनुष्य, जंतु और पौधों से जुड़ी होती है, और जिस घर में गोल्ड फिश पाई जाती है उस घर में बरकत हमेशा बनी रहती है।

इस मछली को चीन के शाही परिवार के लोग ही रख सकते थे | चीन के सुंग राजवंश (Song Dynasty) ने 1162 में ये आदेश दिया था कि इस मछली के रंग की वजह से इसे सिर्फ शाही परिवार के लोग ही रख सकेंगे क्यूंकि इसका रंग राजवंश के रंग से मेल खाता था |

हालांकि आपको ये जानकर हैरानी होगी कि केवल चीन में ही नहीं बल्कि और दूसरे हिस्सों में भी गोल्ड फिश को रखना शुभ माना जाता है। जैसे अगर ईरान की बात करें तो वो लोग ईरानी अंतर्राष्ट्रीय उत्सव नवरोज पर गोल्ड फिश को खाना खिलाना शुभ मानते हैं। इसे तरक्की का निशान माना जाता है। हालांकि गोल्ड फिश इतनी सुन्दर होती हैं कि अगर आप फिश लवर हैं तो बिना इन सब बातों पर यकीन किए भी गोल्ड फिश को रख सकते हैं। 

गोल्डफिश का साइंटिफिक नाम क्या है? कैसे बनता है साइंटिफिक नाम? (Goldfish Ka Scientific Naam Kaise Bana) 

गोल्डफिश का साइंटिफिक नाम क्या है सेरेसियस ओतारस, ये तो आप जानते हैं लेकिन क्या आपने कभी ये सोचा कि आखिर गोल्ड फिश का ये नाम पड़ा कैसे? या फिर हम होमो सेपियंस का नाम ऐसा क्यों है?

इस आर्टिकल को हमने साइंटिफिक नाम से शुरू किया था और ऐसे में अंत में ये जानना जरूरी है कि साइंटिफिक नाम कैसे रखा जाता है। दरअसल ये इस बात पर निर्भर करता है कि जंतु या प्राणी या फिर वह पौधा किस ज़ाति, उपजाति या वंश का है। उसके नाम में उसकी जाति का नाम भी जुड़ा होता है जैसे सेरेसियस ओतारस में सेरेसियस जाति का नाम है। 

Shubham

नमस्ते! मेरा नाम शुभम जैन है। मैं मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले में रहता हूं और मैंने Physics में M. Sc. की है। मुझे साइंस से जुड़े फैक्ट्स, महान लोगों की जीवनियां और इतिहास से जुड़ी घटनाओं के बारे में लिखने का अनुभव है |

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