अमेरिका की उद्योग क्रांति के जनक हेनरी फोर्ड

Henry Ford Biography in Hindi
Henry Ford Biography in Hindi

दूसरा विश्व युद्ध ये वो समय था जब जर्मनी के तानाशाह हिट्लर ने पूरी दुनिया के खिलाफ जंग छेड़ दी थी | इस जंग में हिट्लर का सबसे बड़ा दुश्मन अगर कोई था तो वो था अमेरिका |

अमेरिका और जर्मनी एक दूसरे से नफ़रत करते थे | लेकिन एक अमरीकी ऐसा भी था जिसकी फोटो हिट्लर के डेस्क पर हुआ करती थी | 

कौन था वो अमरीकी जो उस वक़्त के सबसे बड़े तानाशाह को इतना पसंद आ गया था | 

दोस्तों वो इंसान कोई और नहीं बल्कि अमरीकी उद्योग जगत में क्रांति लाने वाले हेनरी फ़ोर्ड थे | फ़ोर्ड का नाम आते ही दिमाग़ में सबसे पहले फ़ोर्ड की चमचमाती गाड़ियाँ आती हैं | 

लेकिन हेनरी फ़ोर्ड को सिर्फ़ चमचमाती गाड़ियों के लिए याद नहीं किया जाता | हेनरी फ़ोर्ड वो इंसान थे जो एडिसन की कंपनी में काम करने वाले छोटे से कर्मचारी से अमेरिका के राष्ट्रपति बनते बनते रह गये | 

कभी उन्हें अमेरिका के शांति दूत तो कभी हिट्लर जैसी सोच वाले एक इंसान के रूप में भी देखा जाता है | 

आइए जानते हैं कैसे हेनरी फ़ोर्ड अमेरिका के सबसे प्रभावशाली व्यक्ति बन गये थे |

हेनरी फोर्ड का जीवन परिचय Henry Ford Biography in Hindi

उद्योग जगत में लाए क्रांति

हेनरी फ़ोर्ड को उद्योग जगत में क्रांति लाने वाले इंसान के रूप में देखा जाता है | तो हेनरी फ़ोर्ड ने ऐसा क्या काम किया था जिसकी वजह से उन्हें एक क्रांतिकारी का खिताब दिया गया | 

वो काम थे – Assembly Line Production और Model T कारों का निर्माण |

Assembly Line Production क्या होता है | अगर डेफिनेशन की बात करें तो Inc के मुताबिक

manufacturing process in which interchangeable parts are added to a product in a sequential manner to create an end product

अगर इसे सरल भाषा में समझने की कोशिश करें तो आजकल जिस तरह से बहुत बड़े स्तर पर गाड़ियाँ का निर्माण किया जाता है और एक ही दिन में सैंकड़ों गाड़ियाँ बना ली जाती है |

उस तरह के निर्माण के लिए गाड़ी के अलग अलग हिस्सों को एक सीक्वेंस में गाड़ी के साथ जोड़ा जाता है

इसे ही असेंब्ली लाइन प्रोडक्षन कहा जाता है | सिर्फ़ कारों ही नहीं बल्कि बहुत सी मशीन्स और दूसरे प्रॉडक्ट्स को इसी असेंब्ली लाइन के ज़रिए बनाया जाता है |

जिससे प्रोडक्शन और रेवेन्यू दोनो बढ़ जाते हैं |

दूसरा बड़ा काम जिसके लिए हेनरी फ़ोर्ड को याद किया जाता है वो था Model T कारों का निर्माण |

वैसे कारों का निर्माण इससे पहले ही हो चुका था | सबसे पहले मॉडर्न कार को 1885 में जर्मनी में कार्ल बेन्ज़ ने बनाया था | और अमेरिका में 1893 में Charles और Frank Duryea ने कारों का निर्माण शुरू किया था

फिर हेनरी फ़ोर्ड की मॉडल टी कारों में क्या खास था | जानते हैं भारत में कुछ समय पहले टाटा ने लोगों को 1 लाख रूपए में कार का सपना दिखाया था |

आप सही सोच रहे हैं वो कार थी नैनो जिससे हर भारतीय को लगने लगा था कि अब तो उसके पास भी कार होगी | कुछ वैसा ही सपना हेनरी फ़ोर्ड ने अमेरिका में सच कर दिखाया था |  

जिस समय मॉडल टी कारें बननी शुरू हुई उस समय कार लेना हर किसी के लिए आसान नहीं था | हेनरी फ़ोर्ड चाहते थे कि हर अमेरिकन के पास अपनी कार हो और वो अपने इस प्रयास में बहुत हद तक सफल भी हुए |

जिससे अमेरिका के गावों के लोग भी सस्ती मॉडल टी कारों को खरीदने लगे थे

मॉडल टी कारों के निर्माण को असेंब्ली लाइन प्रोडक्शन से बड़े स्तर पर बनाया जाने लगा और देखते ही देखते फ़ोर्ड का नाम पूरी दुनिया में प्रसिध्द हो गया

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बचपन में ठीक करने लगे थे लोगों की घड़ियाँ

हेनरी फ़ोर्ड का जन्म  30 जुलाई 1863 को अमरीका के मिशिगन प्रान्त की वेन काउंटी में हुआ | हेनरी फ़ोर्ड के पिता एक किसान थे और खेती से ठीक ठाक कमाई कर लिया करते थे | उनके पिता को लगता था कि फ़ोर्ड को भी किसान ही बनना चाहिए

लेकिन खेती के काम में उनकी ज़्यादा रूचि नहीं थी | जब फ़ोर्ड 13 वर्ष के हुए तो उनके पिता ने उन्हें एक पॉकेट वॉच गिफ्ट की | फ़ोर्ड ने उस पॉकेट वॉच को पूरी तरह से खोल दिया और फिर से सभी हिस्सों को वापिस जोड़कर उस वॉच को पहले की तरह से ही बना दिया

उनकी इस कला को देखकर उनके दोस्त और पडोसी भी उनसे अपनी अपनी घड़ियाँ ठीक करवाने के लिए ले आए | 16 वर्ष की आयु में फ़ोर्ड ने घर छोड़ दिया और डेट्रॉइट शहर में एक शिपबिल्डिंग फर्म में ऍप्रेंटशिप करने लगे |

इसके बाद वो वापिस अपने गाँव आ गये और अपने खेतों में काम करने लगे, पर साथ ही वो स्टीम एंजिन पर भी काम कर रहे थे

फ़ोर्ड हमेशा कुछ ना कुछ प्रयोग करते रहते थे | ऐसे ही एक दिन फ़ोर्ड ने एक पुराने मोविंग मशीन को एक ट्रैक्टर से जोड़कर एक फार्म लोकोमोटिव बना डाला

इसी तरह से फ़ोर्ड के दिन बीतते चले गए | कुछ सालों बाद फ़ोर्ड ने Clara Bryant से शादी भी कर ली | अब तक फ़ोर्ड के पास ना कोई फेम था ना कोई पॉपुलैरिटी और ना ही पैसा |

ये काफी हैरानी की बात है कि जिस व्यक्ति को अमेरीका के इतिहास का सबसे बड़े अचीवर्स में से एक माना जाता है उसके पास तीस सालों तक कोई भी अचीवमेंट नहीं थी

ये एक तरह से लाइफ लेसन भी है उन लोगों के लिए जिन्हें लगता है कि जिंदगी में कुछ कर दिखाने के लिए उम्र जरूरी होती है |

शादी के बाद फोर्ड ने यह तय किया कि वो अब खेती और छोटी मोटी जॉब्स छोड़ देंगे और शहर चले जाएंगे | वो अपनी वाइफ को लेकर शहर आ गए |

बल्ब बनाने वाली एडिसन के पास की नौकरी

इसके बाद फ़ोर्ड ने एडिसन की कंपनी ज्वाइन कर ली | जी हाँ वही एडिसन जिन्होने इलेक्ट्रिक बल्ब और फोनोग्राफ का आविष्कार किया था | 1893 में फ़ोर्ड के बेटे Edsel Bryant का जन्म हुआ और इसी साल फ़ोर्ड को एडिसन कंपनी में चीफ इंजिनियर बना दिया गया |

चीफ इंजीनियर बनने के बाद उनके ऊपर जिम्मेदारी आ गई कि वो 24 घण्टे सप्लाई होने वाली बिजली का ध्यान रखें और सप्लाई रुकने ना पाए |

फ़ोर्ड 24 घंटे ऑन कॉल रहते थे और खाली समय में वो अपने असली काम गैसोलीन इंजन पर काम करते रहते

साल 1893 में क्रिसमस के दिन फ़ोर्ड ने गैसोलीन इंजन को टेस्ट किया और पहले प्रयास में वो इंजन 30 सेकेंड्स तक ही चल पाया, जिससे फ़ोर्ड को यकीन हो गया की वो सही ट्रैक पर हैं

Quadricycle का निर्माण

इस प्रयास के 3 साल बाद फ़ोर्ड ने self-propelled vehicle Quadricycle का निर्माण किया | ये गैसोलीन इंजन से चलने वाली कार थी | फोर्ड के इस कार को बनाते ही चारों तरफ इंजीनियर्स और इन्वेंटर्स फोर्ड की ही बात करने लगे

इसके बाद भी हेनरी फ़ोर्ड के दो बिज़नेस वेंचर्स फैल हो गये | हालांकि एक फैक्ट जिसमें सभी लोग कन्फ्यूज़ हो जाते हैं वो यह है कि फोर्ड ने कार का इन्वेंशन  नहीं किया | फोर्ड ने केवल पहले से ही बनाए गैसोलीन इंजन को इवॉल्व किया था

गैसोलीन इंजन का निर्माण Gottlieb Damler और Carl Benz ने, 1885 में ही कर लिया था लेकिन उन्होंने इसके बाद इस इंजन को छोड़ दिया था जिसे  फोर्ड ने इवॉल्व किया |

लेकिन फोर्ड की जिद यहीं पर खत्म नहीं हुई. 1896 में फ़ोर्ड ने अपनी सारी सम्पत्ति बेच दी. वो और भी ज्यादा रिसर्च करना चाहते थे और अपने काम को सबसे बेहतर बनाना चाहते थे |

इस दौरान उन्हें कई स्पॉन्सर्स का साथ मिला लेकिन सबने उन्हें छोड़ दिया क्योंकि फोर्ड तुरत फुरत में कुछ भी रिलीज करने के लिए तैयार नहीं थे | अपने एक्सपेरिमेंट काल के दौरान फोर्ड ने कई रेसिंग कार्स का भी इन्वेंशन किया |

साल 1896 से 1903 तक एक लंबे समय में इन्वेंशन करने के बाद फ़ोर्ड ने स्थापना की फ़ोर्ड मोटर कंपनी की | इस कंपनी के जरिए फोर्ड ने मार्केट में पैसेंजर कारों को उतारना शुरू कर दिया | हालांकि अब तक फोर्ड जनता के हीरो नहीं बने थे |

इसके बाद फोर्ड राजनीति में अपनी अलग पहचान बनने लगे और हिटलर के पसंदीदा बन गए

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Mohan

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