वियतनाम अमेरिका वॉर का इतिहास – History of Vietnam War in Hindi

वियतनाम वॉर को अमेरिकन वॉर के नाम से भी जाना जाता है | दोस्तों वियतनाम वॉर ने अमेरिका जैसे देश को बता दिया था वो दुनिया में सबसे शक्तिशाली नहीं हैं |

भले ही उनके पास ज्यादा संसाधन हों लेकिन फिर भी उन्हें भी हार का सामना करना पड़ सकता है |

विएतनाम में तीन लड़ाइयां लड़ी गयी थी जिनमें से दूसरी लड़ाई को इंडो चाइना वॉर के नाम से जाना जाता है | ये लड़ाई 1955 से 1975 के बीच लड़ी गयी थी |

history of vietnam war in hindi

वियतनाम का विभाजन क्यों और कैसे हुआ?

विएतनाम पर प्राचीन समय में चीन का राज था लेकिन बाद में फ्रांस ने इसे अपने अधिकार में ले लिया | उस समय विएतनाम, कांबोडिया और लाओस को सम्मिलित रूप से फ्रेंच इंडो चाइना के नाम से जाना जाता था |

वियतनाम का विभाजन क्यों और कैसे हुआ

द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जापान ने 1941 में विएतनाम पर अपना अधिकार कर लिया लेकिन युद्ध में जापान की हार के बाद उत्तरी विएतनाम पर चीन ने अपना अधिकार कर इस भाग को वहाँ के लोगो को सौंप दिया |

लेकिन दक्षिण के भाग पर जिसने अमेरिका को सरेंडर किया उस पर फ्रांस फिर से अपना अधिकार जमाना चाहता था |

विएतनाम ने इस समय पूर्ण आज़ादी की घोषणा कर दी लेकिन इसे अमेरिका और फ्रांस ने स्वीकार नहीं किया |

जिससे फ्रांस और वहाँ के विद्रोही जिन्हे वियेट मिन के नाम से जाना जाता था के बीच संघर्ष शुरू हो गया जिसे फर्स्ट इंडो चाइना वॉर कहा जाता है जो कि 1945 से 1954 के बीच चला |

1954 में इस लड़ाई में फ्रांस की बुरी तरह हार हुई | जिसके बाद जिनीवा अकॉर्ड के तहत युद्ध समाप्त हुआ और विएतनाम को भारत, पाकिस्तान, नॉर्थ कोरिया, साउथ कोरिया की तरह दो भागो में तोड़ दिया गया |

इसके साथ ही कांबोडिया और लाओस को भी अलग राष्ट्र के रूप में आज़ादी मिल गई |

ये भी पढ़ें:

वियतनाम अमेरिका वॉर – History of Vietnam War in Hindi

Vietnam america war in hindi

उत्तरी विएतनाम में कम्युनिस्टों की सरकार थी जिनके नेता थे “हो ची मिन” (Ho Chi Minh) जबकि दक्षिण में अमेरिका लोकतंत्र स्थापित करना चाहता था और अमेरिका के समर्थन से वहाँ नो डिन डीम (Ngo Dinh Diem) की सरकार बनी |

अमेरिका नही चाहता था कि एशिया के किसी भी देश में कम्युनिस्टों की सरकार बने इसलिए उसने साउथ विएतनाम को सहयता देना जारी रखा लेकिन साउथ विएतनाम में ही लोगो ने नो डिन डीम के विरुद्ध विद्रोह कर दिया और नॉर्थ विएतनाम भी पूरे देश को एक करने के मकसद से साउथ विएतनाम पर हमले करता रहा |

साउथ विएतनाम को विद्रोहियों, वियेट कॉंग और नॉर्थ विएतनाम से बचाने के लिए अमेरिका ने अपनी पूरी ताक़त इस लड़ाई में झोंक दी जिसे विएतनाम वॉर के नाम से जाना जाता है जो 1955 से 1975 के बीच चली |

अभी तक इस लड़ाई में अमेरिका सीधे तौर पर अपने सैनिक नही भेज रहा था लेकिन उसने अपने मिलिटरी एडवाइजर भेजने लगातार जारी रखे |

गल्फ ऑफ टोंकिन की घटना

गल्फ ऑफ टोंकिन की घटना

2 अगस्त 1964 को गल्फ ऑफ टोंकिन की घटना हुई जिसमे नॉर्थ विएतनाम की आर्मी ने एक अमरीकी जहाज़ पर हमला कर दिया जिसके बाद अमेरिका पूरी तरह इस लड़ाई में कूद गया |

अमेरिका के प्रेसीडेंट लीनडॉन जॉनसन ने गल्फ ऑफ टोंकिन रेसोलुशन पास करवा कर विएतनाम में अपने सैनिक भेज दिए | लेकिन कहा जाता है कि अमरीकी जहाज़ पर हमले की मनघड़न्त कहानी गढ़ी गयी थी ताकि अमेरिका को युद्ध में शामिल होने का बहाना मिल जाए |

1964 में अमेरिका इस युद्ध में पूरी तरह उतार चुका था और उसने नॉर्थ विएतनाम पर बहुत बड़े हमले शुरू कर दिए | कहा जाता है कि अमेरिका ने विएतनाम पर इतने बॉम्ब गिराए थे जितने बॉम्ब द्वितीए विश्व युद्ध में भी नही गिराए गये थे |

लेकिन फिर भी अमेरिका के लिए विएतनाम के जंगलों में गुरिल्ला तकनीक से लड़ रहे विएतनाम के सैनिको के सामने टिकना मुश्किल हो रहा था | विएतनाम के सैनिक पूरे विएतनाम में टनल्स बना कर लड़ रहे थे और अमरीकी सैनिको पर अचानक हमला कर के उन्हे भारी नुक्सान पहुँचा रहे थे |

ये भी पढ़ें:

इस पर अमेरिका ने इस लड़ाई को आन की लड़ाई बना लिया और सारी हदें पार करते हुए विएतनाम पर रासायनिक हथियारों से हमले करने शुरू कर दिए जिसमे लाखों आम नागरिक मारे गये और पूरे अमेरिका में इसका विरोध शुरू हो गया |

अमेरिका अभी भी ये परसेप्शन बनाने की कोशिश कर रहा था कि ये लड़ाई बहुत जल्दी ख़तम होने वाली है लेकिन इसी बीच नॉर्थ विएतनाम ने अचानक एक रात में साउथ विएतनाम पर हमला कर दिया जिसे टेट अफेन्सिव के नाम से जाना जाता है |

इस हमले में नॉर्थ विएतनाम को जीत तो नही मिली लेकिन अमेरिका के नागरिकों को ये संदेश मिल गया कि ये लड़ाई अभी लंबी चलने वाली थी |

इसी बीच अमेरिकी सैनिको ने मी लाई नरसंहार की घटना को अंजाम दिया जिसमे 400 के करीब निर्दोष बच्चे, बूढ़े और औरतों को मार डाला जिसका पूरे अमेरिका में विरोध हुआ और अमेरिका में और पूरी दुनिया में अमेरिका के खिलाफ एक आक्रोश फैल गया |

1970 में अमेरिकन प्रेसीडेंट रिचर्ड निक्सन ने कोम्बोडिया पर आक्रमण करके नॉर्थ विएतनाम की सप्लाइ चैन को तोड़ने की कोशिश की जिससे अमेरिका के लोग समझ नही पा रहे थे कि अमेरिका क्यूँ इतने देशो पर आक्रमण कर रहा है और इस हमले का भी अमेरिका के नागरिकों ने विरोध किया |

इसके बाद अमेरिका में जगह जगह दंगे और विरोध प्रदर्शन तेज हो गये |

अमेरिकी प्रेसीडेंट रिचर्ड निक्सन ने बिना संसद की अनुमति के लाओस पर भी आक्रमण कर दिया जिसके बाद अमेरिका में एंटी-वॉर प्रोटेस्ट्स ओर भी तेज हो गये जिसके चलते अमेरिका ने अपनी सेना को विएतनाम से वापिस बुलाना शुरू कर दिया |

1973 में अमेरिका ने युद्ध विराम के बाद अपनी पूरी सेना विएतनाम से वापिस बुला ली जो कि अमेरिका की अपने देश में हार थी |

इसके बाद 1975 में नॉर्थ विएतनाम ने साउथ विएतनाम पर फिर से हमला करके उसे अपने अधिकार में ले लिया और साउथ विएतनाम की राजधानी साइगॉन का नाम बदल कर हो ची मिन सिटी रख दिया गया |

इस तरह से अमेरिका की इस लड़ाई में बुरी तरह हार हुई अपनी पूरी ताक़त लगाने के बाद भी वो नॉर्थ विएतनाम को नही दबा सका जिसे रूस से हथियार मिल रहे थे |

इस लड़ाई के बाद कोल्ड वॉर के समीकरण कुछ बदल गये थे और अमेरिका को एहसास हो गया था कि युद्ध सिर्फ़ हथियरों से नही जीता जा सकता |

ये भी पढ़ें:

Mohan

I love to write about facts and history. You can follow me on Facebook and Twitter

Leave a Comment