Kantara Movie Real Story in Hindi

हाल ही में रिलीज फिल्म Kantara दर्शकों के बीच खूब वाहवाही बटोर रही है | फिल्म की story से लेकर sound effect तक दर्शकों को सब कुछ बहुत पसंद आ रहा है लेकिन क्या आपको पता है जो कहानी दर्शकों के बीच बहुत वाहवाही बटोर रही है वो महज किसी writer की कल्पना नहीं है

बल्कि एक सच्ची घटना पर आधारित फिल्म है और तो और Kantara की ये कहानी सिर्फ उतनी ही नहीं है जितनी फिल्म में दिखाई गयी है बल्कि उससे कहीं ज्यादा है |

तो आखिर क्या है Kantara की असली कहानी? आइये आपको बताते हैं Kantara Movie Real Story in Hindi.

कांतारा मूवी रिव्यु इन हिंदी Kantara Movie Real Story in Hindi

Kantara Movie Real Story in Hindi

फिल्म में हमें दिखाया गया है कि 1847 में कर्नाटक में एक राजा हुआ करते थे. उनका राजपाट अच्छा चल रहा था. राजकीय खजाने भरे हुए थे. परिवार में भी सुख शांति थी और उनके राज में प्रजा भी सुखी थी.

लेकिन इस सबके बावजूद राजा सुखी नहीं थे क्योंकि उनके पास भौतिक सुख तो थे लेकिन मानसिक सुख नहीं था.

इसी मानसिक सुख की तलाश में वो कई साधु संतों से भी मिले लेकिन राजा का मन शांत नहीं हुआ.

इसलिए राजा ने तय किया कि वो सब कुछ त्याग कर मानसिक सुख की तलाश करेंगे. और इसके लिए वो दूर जंगलों में गए.

चलते चलते जंगलों में उन्हें Kantara की आवाज़ सुनाई दी,  वो आवाज़ डरावनी नहीं थी बल्कि ऐसा लग रहा था जैसे वो आवाज़ राजा को अपनी ओर बुला रही हो |

राजा आवाज की दिशा में गए, कुछ दूर जाने पर उन्हें एक पत्थर दिखाई दिया. राजा को ऐसा लग रहा था मानों इस पत्थर को देखते ही उन्हें वो मिल गया हो जिसकी तलाश उन्हें सालों से थी.

पत्थर को देखकर राजा ने अपने शस्त्रों का त्याग किया और पत्थर को अपने साथ ले जाने लगे.

लेकिन तभी गाँव वाले लोग वहाँ आ गए और उन्होंने राजा को पत्थर को ले जाने से रोका. उनका कहना था आप यहाँ से कुछ भी ले जा सकते हैं लेकिन हमारे देवता Panjurli को नहीं.

लेकिन तभी देवता Panjurli गाँव के एक आदमी के शरीर में आते हैं और खुद राजा से पूछते हैं कि राजा उन्हें वहाँ से ले जाने के बदले गाँव वालो को क्या देंगे. 

राजा ने कहाँ Panjurli जो भी बोलें वो राजा गाँव वालों को दे सकता है. इस पर Panjurli चीखतें हैं और राजा से कहते हैं मेरी चीख की आवाज़ जहाँ तक गयी है. आपको उतना इलाका गाँव वालों को देना होगा. राजा इस शर्त पर तैयार हो जाते हैं.

लेकिन Panjurli राजा को चेतावनी भी देते हैं कि मेरे साथ Guliga भी आयेंगे और अगर राजा से अपना वचन निभाने में कोई गलती हुई तो वो उन्हें भले ही माफ कर दें लेकिन Guliga उन्हें कभी माफ नहीं करेंगे.

राजा Panjurli को ले आते हैं. और फिल्म की कहानी इसी track पर आगे बढ़ती है

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ये तो थी फिल्म की कहानी. लेकिन क्या आपको ये पता है कि इस मान्यता पर based एक real story भी है. जिसे सालों से south india में लोग मानते आ रहे हैं और तो और इस culture को follow करते आ रहे हैं.

क्या है ये कहानी आइये जानते हैं.

दोस्तों kantara शब्द कंतार से बना है. कंतार का मतलब होता है घना जंगल. इसीलिए फिल्म Kantara भी एक घने जंगल और वहाँ रहने वाले लोगों की कहानी है.

इस फिल्म को कहानी को Rishabh shetty ने लिखा है और उन्होंने ही फिल्म के main character शिवा का किरदार भी निभाया है.

असल में जिस इलाके की ये कहानी है Rishabh भी south karnataka के उसी इलाके से belong करते हैं.

ये Tulunadu नाम की जगह है. इस जगह का इतिहास और संस्कृति अपने आप में काफी बड़ी और रहस्यमय है. इस जगह को परशुराम सृष्टि भी कहा जाता है.

असल में Tulunadu का इतिहास उत्तर भारत की प्रचलित mythological कहानी से भी जुड़ा हुआ है |

परशुराम से जुड़ा है इतिहास

दरअसल भगवान विष्णु के छठवें अवतार कहे जाने वाले परशुराम के बारे में तो हम सब जानते हैं कि उन्होंने पूरी धरती से क्षत्रियों को खत्म करने का प्रण लिया था. अपनी इस प्रतिज्ञा को पूरा करने के बाद परशुराम ने ये धरती ऋषि कश्यप को दे दी थी और खुद तपस्या करने चले गए थे.

यहाँ उन्होंने भगवान शिव की तपस्या की और प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें दर्शन दिया और कहा कि वो करली वन में अवतार लेंगे. इसलिए परशुराम जी वहां जाकर ध्यान करें |   

लेकिन जब परशुराम यहाँ आये तो उन्होंने देखा कि पूरी धरती तो समुद्र में डूब चुकी है. इसलिए उन्होंने समुद्र देवता से अनुरोध किया कि उन्हें ध्यान करना है इसलिए समुद्र देवता उन्हें ज़मीन वापस कर दें.

लेकिन समुद्र देवता उनकी बात सुनने को तैयार ही नहीं थे. इस बात पर परशुराम जी को काफी गुस्सा आया और उन्होंने पूरे बल से अपना फरसा हवा में फेंका.

कहा जाता है जहाँ जहाँ तक ये फरसा गया उतनी जगह समुद्र ने खाली छोड़ दी इस जगह को परशुराम सृष्टि कहा गया. इसी जगह को Tulunadu भी कहा जाता है.

और इसी Tulunadu के जंगलों में रहने वाले लोगों की कहानी है Kantara.

वैसे तो इस पूरे इलाके में चार सौ से भी ज्यादा देवता हैं. जिसमें सबसे ज्यादा विशेष माने जाते हैं देवता Panjurli. 

ऐसी मान्यता है कि देवता Panjurli वाराह का एक रूप है. मान्यता के अनुसार एक बार काली नाम की एक वाराही सीढ़ियों से उतरते हुए भगवान सुब्रमण्यम के मंदिर के आँगन में पहुँच गयी. तब भगवान ने क्रोधित होकर उसे श्राप दिया था कि अब वो कभी माँ नहीं बन पाएगी.

वाराही भगवान से क्षमा मांगती है और कहती है वो अपने पहले बच्चे को भगवान को समर्पित कर देगी. जिसपर भगवान सुब्रमण्यम का क्रोध शांत होता है और वो उसे सोलह बच्चे होने का वरदान देते हैं. वाराही अपने 16 बच्चों को कैलाश पर्वत पर जन्म देती है.

कहा जाता है एक दिन वाराही माता पार्वती के आने की आवाज सुनकर अपने बच्चों को वहीं छोड़ कर चली जाती है. माता पार्वती उनमें से एक बच्चे को अपने साथ ले जाती हैं और उसका नाम गुज्जारा था.

माता पार्वती को गुज्जारा से बहुत प्रेम था लेकिन एक दिन गुज्जारा कैलाश पर मौजूद सारी फसल को काट देता है. जिसकी वजह से भगवान शिव बहुत क्रोधित होते हैं और उसे काट देते हैं जिससे माता पार्वती काफी दुखी होती हैं.

बाद में भगवान शिव उसे दोबारा जीवित करते हैं लेकिन इस बार सिर वाराह का और धड़ इंसान का था. इसका नाम Panjurli रखा जाता है और भगवान शिव उन्हें अपार शक्ति का वरदान देते हैं.

कहा जाता है धर्म की स्थापना के लिए Panjurli, Tulunadu आये थे |

आज भी होता है अनुष्ठान

दोस्तों आज भी भगवान Panjurli को खुश करने के लिए भूत कोला नाम का एक ritual perform किया जाता है.

भूत का मतलब होता है past और कोला का मतलब होता है खेल. ये एक तरह का धार्मिक ritual है. जिसे हर कोई perform नहीं कर सकता बल्कि इसे perform करने का काम पीढ़ी दर पीढ़ी होता है.

कोला रात में perform  किया जाता है और इसे perform करने वाला व्यक्ति अपने चेहरे को घर पर बने रंगों से रंगता है. इस दौरान वो लोग पूरी तरह traditional कपड़े और jewelry पहनते हैं.

हालांकि उनके पहने हुए कपड़े आग से बड़ी आसानी से जल सकते हैं लेकिन ये देवा की कृपा ही मानी जाती है कि Kola के दौरान आग से खेलने के बावजूद सब सुरक्षित रहते हैं.

भूताकोला ritual के दौरान पूरा गाँव इकट्ठा होता है और भगवान Panjurli का आशीर्वाद लेता है. और एक भव्य भोज का आयोजन भी किया जाता है.

कहा जाता है कि जो आदमी भूताकोला perform करता है उस समय कुछ देर के लिए उसके शरीर में देवता Punjurli की आत्मा आ जाती है. और उस समय वो future भी देख सकते हैं.

और ये सब महज mythological stories नहीं है बल्कि आज भी ये चीजें होती हैं.

आपके आस-पास ऐसी कौन सी मान्यता है जो सुनने में रहस्यमय लगती है लेकिन आज भी लोग उसपर विश्वास करते हैं comment करके बताइये. और Kantara Movie Real Story in Hindi आपको पसंद आयी ये भी बताएं |

Shubham

नमस्ते! मेरा नाम शुभम जैन है। मैं मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले में रहता हूं और मैंने Physics में M. Sc. की है। मुझे साइंस से जुड़े फैक्ट्स, महान लोगों की जीवनियां और इतिहास से जुड़ी घटनाओं के बारे में लिखने का अनुभव है |

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