पैंडोरा पेपर्स लीक क्या है | Pandora Papers Leak in Hindi

Pandora Paper Leak in Hindi – किसी भी देश के विकास के लिए कर दाता एक अहम् जिम्मेवारी निभाते हैं | जिस देश में कर दाता जितने ज्यादा होंगे कहा जाता है के वो देश उतना ही प्रफुल्लत होगा क्योंकि करों से मिला पैसा ही सरकार आम लोगों पर खर्च करती है , आम जरूरतें जैसे सड़कें , स्कूल , हस्पताल या अन्य तरह की जरूरी सहूलतों में खर्च करती है |

पर हमेशा ऐसा नहीं होता ज्यादातर लोग टैक्स भरते ही  नहीं और कुछ लोग टैक्स न भरने के लिए अपनी आमदनी ही छुपा लेते हैं जिससे सरकार को पर्याप्त टैक्स नहीं मिलता जिससे सरकार को और आम जनता को बहुत नुकसान उठाना पड़ता है |

pandora paper leak in hindi
Pandora Paper Leak in Hindi

कई बार बड़े से बड़ा व्यक्ति टैक्स चोरी करता है जिसका अंदाज़ा किसी को नहीं होता , ऐसे व्यक्त्यिओं की चोरी को दुनिया के सामने लाने के लिए कई संस्थाएं दिन रात काम कर रही हैं और अभी कुछ समय पहले ही 600 से ज्यादा पत्रकारों और 140 से भी ज्यादा मीडिया संस्थानों ने दिन रात मेहनत करके एक दस्तावेज त्यार किया है जिसे पैंडोरा पेपर्स  लीक के नाम से जाना जा रहा है | आइये हम इसके बारे में और विस्तार से जानते हैं |

पैंडोरा पेपर्स लीक क्या है Pandora Paper Leak in Hindi

दुनियाभर के लगभग 600 से ज्यादा पत्रकारों , 140 से ज्यादा न्यूज़ एजेंसी और संस्थानों की दिन रात की महीनों की मेहनत ने दुनियाभर के लगभग 1 करोड़ 20 लाख से ज्यादा दस्तावेजों को टटोला, जिसमे दुनियाभर में चल रही पैसों की हेराफेरी को दुनिया के आहे पेश किया |

इस दस्तावेज में दुनियाभर के बड़े से बड़े व्यक्तियों द्वारा की जाने वाली टैक्स चोरी, अवैध या छुपी हुई सम्पत्ति, टैक्स को चोरी करने के अलग अलग तरीके, यहां तक के मनी लॉन्ड्रिंग जैसी चीजों का पर्दाफाश किया है | इन दस्तावेजों में महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर के साथ साथ पाकिस्तान के मुख्य मंत्री इमरान खान का नाम भी आया है |

इस खुलासे से दुनियाभर में हलचल मच गयी है और इसमें बड़े बड़े नाम शामिल होने से इसे दुनिया का सबसे बड़ा खुलासा माना जा रहा है और यह खुलासा इंटरनैशनल कंसोर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट ने किया है |

दस्तावेज

जैसे ही हमने पहले बताया है के इसमें कितने ही लोगों की कितने ही महीनों की मेहनत लगी है | इस पुरे खुलासे के लिए लगभग 64 लाख दस्तावेज, 30 लाख से ज्यादा तस्वीरें, 5 लाख स्प्रेडशीट और तकरीबन 10 लाख से ज्यादा इमेल्स को टटोला गया है | इस पुरे ओप्रशन को बीबीसी और गार्जियन न्यूज़ पेपर ने लीड किया | ये दोनों ही विश्वभर में अपनी निरपेक्ष पत्रकारिता के लिए जाने जाते हैं |

पैंडोरा पेपर्स में हुए खुलासे

भारतीय अख़बार इंडियन एक्सप्रेस ने बताया के भारत के सबसे अमीर कारोबारी, अनिल अम्बानी के पास विदेश में 18 से भी ज्यादा कंपनियां है जबकि इन्होने ब्रिटैन में खुद को दिवालिया घोसित किया हुआ है |

इन पेपर लीक्स में बताया है के कैसे तकरीबन 90 देशों के 330 अमीर और शक्तिशाली लोग जिसमे राजनेता भी शामिल है , वो अपने धन संपत्ति को छुपाने के लिए बहुत किस्म की गुप्त कंपनियों का इस्तेमाल करते हैं | लक्ष्मी कुमार जी जो अमेरिकी थिंक-टैंक ग्लोबल फाइनेंशियल इंटेग्रिटी संबंध रखते हैं, उन्होंने बताया के ऐसे लोग इस तरह की कंपनियों की मदद से पैसों को छुपाने में सक्षम होते हैं |

पैंडोरा पेपर्स लीक्स से जो भारत का सबसे बड़ा खुलासा हुआ वो ये के, पंजाब नेशनल बैंक से हज़ारों करोड़ रुपए की धांधलेबाजी करने वाला नीरव मोदी , जो एक हीरा कारोबारी था और वो बैंक से फ्रॉड करके विदेश भाग गया था , उसके विदेश जाने से एक महीना पहले ही उसकी बहन ने एक फ़र्ज़ी संस्था बना कर बहुत सारे पैसों की हेराफेरी की थी |

इन लीक्स में दुनिया के चाहते भारतीय क्रिकटर सचिन तेंदुलकर का नाम भी आया है , रिपोर्ट के मुताबिक जब पनामा लीक्स 5 साल पहले आया था तो उसके 3 महीने बाद ही सचिन तेंदुलकर ने एक छोटे से महाद्वीप जिसे वर्जिन आईलैंड कहा जाता है , वह मौजूद सम्पत्ति बेचने की कोशिश की थी | 5 साल पहले आयी पनामा रिपोर्ट के बाद बहुत सारे लोगों ने अपनी सम्पत्ति को रीऑर्गनाइज  शुरू  कर दिया था |

इस रिपोर्ट के मुताबिक केवल भारत से ही 300 लोगों के नाम आये हैं, जिन्होंने टैक्स चोरी करके अपनी सम्पत्ति को बढ़ाया और   टैक्स से बचने के लिए भट सारे गैर कानूनी काम भी किये | उन 300 लोगों में से 60 लोगों के विरुष ठोस सबूत भी मिले हैं |

टैक्स चोरी की कीमत

पूरी दुनियाभर में कितने लोगों ने कितने रुपए की टैक्स चोरी की , इस बात का सही आंकड़ा बताना न मुमकिन है लेकिन इस तरह के पेपर्स लीक करने वाली संस्था ICIJ के मुताबिक पूरी दुनिया में हर साल सरकार टैक्स चोरी के नाम पर लगभग 600 अरब डॉलर गवाँती है और अगर बात की जाये टैक्स से बचने की तो लगभग 5 .6 ट्रिलियन डॉलर से लेकर 32 ट्रिलियन डॉलर तक की सम्प्पति विदेशों में जमा करके रखी गयी है | यह संख्या भारत की कुल GDP से खिन ज्यादा है |

विदेश में संपत्ति खरीदने का तरीका

इन लीक्स से पता चला है के बड़े बड़े लोग अपनी सम्प्पति छुपाने के लिए गुमनाम कंपनियां , ट्रस्ट जो विदेशों में हैं उन्हें पैसे भेजते है |ऐसी कंपनियां ही बड़े लोगों का सहारा बनती है इन्हे SHELL कम्पनी कहा जाता है | ऐसी कंपनियों के लिए एक मुश्किल नेटवर्क बनाया जाता है और उसमे कम्पनी को छुपा दिया जाता है | 

जिनको इस कम्पनी से फायदा हो रहा है उनकी पहचान छुपाई जाती है जबकि असल मालिक की पहचान वैसी की वैसी रहती  है | 

पैंडोरा पेपर्स लीक्स में किये गए खुलासे से मैन के अंदर एक अलग सा डर बैठ जाता है, के कैसे लोग कुछ राशि का टैक्स बचने के लिए हज़ारों करोड़ों रुपए की ठग्गी करते हैं, जबकि वो टैक्स का पैसा देश को जाना चाहिए, बजाए उसके वो पूरा पैसा गैर कानूनी कामों में लगते हैं, टैक्स का पूरा पैसा सरकार तक न पहुंचने से आम लोगों को मिलने वाली सहूलतें या तो कम हो जाती है या बहुत सारी योजनाएं बंद हो जाती हैं |

केवल आम जनता ही नहीं, बल्कि सरकार को भी बहुत घाटा पड़ता है | टैक्स देने वाले ही देश को चलते हैं , जो भी हम टैक्स देते हैं सरकार वही पैसा किसी न किसी रूप में दोबारा  हमे दे देती है | देश के विकास का पहिया सही तरिके से चलाने के लिए हमे टैक्स देना जरूरी है |

Rahul Sharma

हमारा नाम है राहुल,अपने सुना ही होगा। रहने वाले हैं पटियाला के। नाजायज़ व्हट्सऐप्प शेयर करने की उम्र में, कलम और कीबोर्ड से खेल रहे हैं। लिखने पर सरकार कोई टैक्स नहीं लगाती है, शौक़ सिर्फ़ कलाकारी का रहा है, जिसे हम समय-समय पर व्यंग्य, आर्टिकल, बायोग्राफीज़ इत्यादि के ज़रिए पूरा कर लेते हैं | हमारी प्रेरणा आरक्षित नहीं है। कोई भी सजीव निर्जीव हमें प्रेरित कर सकती है। जीवन में यही सुख है के दिमाग काबू में है और साँसे चल रही है, बाकी आज कल का ज़माना तो पता ही है |

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