मुफ्त घर का सपना है तो जान ले प्रधानमंत्री आवास योजना की शर्तें

PM Awas Yojana in Hindi – हर एक व्यक्ति चाहता है के उसके सिर पर छत हो, दिन में थका हारा आकर आराम से रात को अपने घर आ कर सो सके और बदलते मौसम, तेज़ धूप और बारिश से भी बच सके। 

हर एक व्यक्ति अपने खुद का घर चाहता है और सरकार भी इसी कोशिश में लगी रहती है के ज्यादा से ज्यादा लोगों को घर दिया जाये और सरकार की इसी कोशिश में नाम आता है प्रधानमंत्री आवास योजना का। 

सरकार द्वारा चलाई जाने वाली यह योजना का उद्देश्य हर नागरिक को घर देना है और वो भी कम से कम कीमत में। 

इस योजना के तहत नगरों और महानगरों में रहने वाले लोगों को उनके कार्यकुशलता और कार्यशक्ति के आधार पर घर देना है। 

PM Awas Yojana in Hindi
PM Awas Yojana in Hindi

प्रधानमंत्री आवास योजना की शुरुआत

आम नागरिकों को सरकार द्वारा घर देने की यह योजना 2015 में शुरू हुई थी।  इसे 3 भागों में बांटा गया था। 

1. पहले चरण की शुरुआत 2015 में हुई और यह 2017 तक चला। इसके अंतर्गत 100 से अधिक शहरों में घरों का निर्माण किया। 

2.  दूसरे चरण की शुरुआत 2017 में हुई और 2019 तक लगभग 200 शहरों में घर बनाने का निश्चय किया गया। 

3. तीसरे चरण की शुरुआत अप्रैल 2019 में शुरू हुआ और इसे 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य है। 

सरकार इस योजना के तहत सरकार लगभग 20 लाख घरों का निर्माण करवाएगी जिसमें 18 लाख केवल झुग्गी झोपड़ी वाले इलाके में बनाये जाएंगे और बाकी 2 लाख दूसरे इलाकों में बनाये जाएंगे।  

प्रधान मंत्री आवास योजना की विशेषताएँ

प्रधानमंत्री आवास योजना का मुख्य उद्देश्य महंगे घरों की बजाए आम नागरिकों को सस्ते घर देना है।  यह योजना आम लोगों के लिए एक वरदान साबित हो रही है क्योंकि उनको अपने घर के साथ साथ सरकार की तरफ से और भी बहुत सरे फायदे मिल रहे हैं।  इस योजना की बहुत सारी विशेषताएँ है जो इस प्रकार हैं :

इस योजना के तहत सरकार द्वारा लोगों को धन राशि दी जाती है और  और साथ में उस राशि पर एक नियत की हुई सब्सिडी भी दी जाती है। यह राशि और सब्सिडी सीधा धारक के खाते में आती है जो उसके आधार कार्ड से लिंक होता है । 

योजना का लाभ उठाने वाले को मिलने वाली सब्सिडी ही सबसे अहम होती है क्योंकि घर बनने के साथ साथ उसे बचत भी हो जाती है। 

इस योजना के तहत बनने वाले घरों का आकर पहले से बड़ा होगा। पहले  इनका आकर 215 स्क्वेर फ़ीट था जिसे बढ़ा कर 270  स्क्वेर फ़ीट कर दिया  है। 

सबसे अच्छी बात यह के इस योजना में केंद्र सरकार और राज्य सरकार मिल कर निवेश करेंगे यानी 60 : 40 के अनुपात से निवेश करते हैं।  और दूसरी तरफ पहाड़ी इलाकों में यही निवेश 90 : 10 का अनुपात का हो जाता है।  जिससे लाभार्थी को ज्यादा पैसे नहीं ख़र्च करने पड़ते बल्कि उसे सरकार ही पूरा काम करके देती है। 

देश की स्वच्छ भारत योजना को भी इस योजना से जोड़ा गया है। जिससे सरकार लोगों को स्वच्छ्ता के लिए और जागरूक कर पाती है। अच्छी बात यह है के सरकार घरों के साथ साथ शौचालय भी बनती है और उसके लिए अलग से पैसे दिए जाते हैं। 

अगर किसी लाभार्थी को पैसे की जरूरत होती है तो सरकार ने उसके लिए भी व्यवस्था की हुई है। ग्रामीण क्षेत्र के लाभार्थी को 70000 तक का लोन बिना किसी मासिक ब्याज के मिल सकता है और शहरी लाभार्थी को इससे भी ज्यादा का लोन मिल सकता है जो उसे बहुत सहायता कर सकते हैं। 

सरकार ने टॉयलेट, पीने का पानी, बिजली, सफाई खाना बनाने के लिए धुआ रहित ईंधन आदि से संबंधित योजनाओं को भी इस योजना से जोड़ा हैं ताकि लाभार्थी को ज्यादा से ज्यादा लाभ प्राप्त हो सके।  

इस योजन के तहत सरकार का पूरा ज़ोर कम से कम भूमि को इस्तेमाल करके ज्यादा से ज्यादा लाभ लेना है। तांकि खेती और अन्य कामों के लिए भूमि भी बची रहे और आम लोगों को रहने के लिए पर्याप्त जगह भी मिल जाये। 

घरों की कीमतें केंद्र सरकार निर्धारित करती है। किस इलाके के किस घर की कितनी कीमत होनी चाहिए ये केंद्र सरकार नित्य करती है और लाभार्थी को कितना निवेश करना है ये राज्य सरकार निर्धारित करती है। 

प्रधानमंत्री आवास योजना के नियम और शर्तें

किसी भी योजना को जरूरतमंद लोगों तक पहुंचने के लिए लाभार्थी का चयन करना अत्यंत जरूरी है।  इसी तरह इस योजना के लिए भी यह चयन जरूरी है तांकि बेघर या जरूरतमंद व्यक्ति को ही घर मिल सके। 

इसके लिए सरकार ने इक आयोग का गठन किया जिसे SECC (सोशिओ इकोनोमिक कास्ट सेन्सस) कहा जाता है।  लाभार्थी के चयन के लिए कुछ माणिक तय किये हैं :

  • जिन लोगों के पास अपना घर नहीं है , घर कच्चा है या घर पर छत नहीं है या छत खस्ता हालत में है वो इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। 
  • जिस परिवार में कोई भी 16 से 59 साल की आयु के बीच में न हो अर्थात कोई वयस्क न हो तो उसे प्राथमिकता दी जाएगी। 
  • जिस परिवार का मुखिया दिव्यांग हो और उसके इलावा कमाने वाला कोई और न हो तो उस परिवार को पहल दी जाएगी। 
  • जो परिवार मजदूरी करके अपना जीवन बिताता को अर्थात कमाई का एकमात्र साधन मज़दूरी हो और उनके पस अपनी कोई ज़मीन न हो तो उन परिवारों को पहल दी जाती है। 

हर साल प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर लेने के लिए लाखों की नाम आते हैं पर उनका चयन करना बहुत मुश्किल है, परन्तु सरकार ने इस योजना के लिए अलग से कंप्यूटर सॉफ्टवेयर बनाया जो सरकार का यह काम आसान कर देता है। 

चुने हुए लोगों को उनके फोन पर सन्देश भेज कर सूचित किया जाता है और उनके बैंक कहते और आधार कार्ड को मिला कर सूची बना दी जाती है। 

चुने हुए लाभार्थी को 1 साल के अंदर घर का निर्माण करना होता है। 

इस योजना के लिए आवेदन करने के लिए जान सेवा केंद्र में जाकर एक फार्म भरना होता है।  जिसकी जानकारी ग्रामीण सरपंच के पास जाती है और सरपंच वो आवेदन आगे पहुंचता है। 

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत कितने ही जरूरतमंद लोगों को परिवारों को अपनी छत मिली है। लोग चैन से अपने घरों में सो पाए हैं। सरकार जरूरतमंद लोगों तक मदद पहुंचने की हर सम्भव कोशिश कर रही है और लोग इसका फायदा भी उठा रहे हैं।

सरकार के अनुसार लगभग 2 करोड़ लोगों को 2022 तक घर देने का निश्चय किया है और सरकार अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए बहुत तेज़ी से कार्य कर रही है। 

Rahul Sharma

हमारा नाम है राहुल,अपने सुना ही होगा। रहने वाले हैं पटियाला के। नाजायज़ व्हट्सऐप्प शेयर करने की उम्र में, कलम और कीबोर्ड से खेल रहे हैं। लिखने पर सरकार कोई टैक्स नहीं लगाती है, शौक़ सिर्फ़ कलाकारी का रहा है, जिसे हम समय-समय पर व्यंग्य, आर्टिकल, बायोग्राफीज़ इत्यादि के ज़रिए पूरा कर लेते हैं | हमारी प्रेरणा आरक्षित नहीं है। कोई भी सजीव निर्जीव हमें प्रेरित कर सकती है। जीवन में यही सुख है के दिमाग काबू में है और साँसे चल रही है, बाकी आज कल का ज़माना तो पता ही है |

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