खिलाड़ी कुमार यानी अक्षय कुमार अपनी एक और फिल्म लेकर आ रहे हैं | अक्षय कुमार अपनी देशभक्ति की फिल्मों के लिए जाने जाते हैं और वो साल में एक फिल्म तो ऐसी बनाते ही हैं जो देशभक्ति से भरी होती है या इतिहास के किसी पन्ने से प्रेरित होती है |
जनवरी 2022 में अक्षय कुमार पृथ्वीराज चौहान जी के जीवन पर बनी फिल्म लेकर आ रहे हैं जिसका दर्शकों को बहुत देर से इंतज़ार था क्योंकि इस फिल्म की चर्चा काफी समय पहले से ही हो रही है |

अभी इस फिल्म को रिलीज़ होने में समय है और फिल्म कई तरह की मुश्किलों का समाना और लोगों का विरोध सहन कर रही है |
अगर आपको अक्षय कुमार की आने वाली फिल्म के बारे में जानकारी कम है तो आप बिलकुल सही जगह आये हैं , अजब गजब फैक्ट आपको इस फिल्म से जुड़ी सारी जानकारी देगा |
कौन थे पृथ्वीराज ? Prithviraj Chauhan Movie Facts in Hindi
1168 में भारत की धरती पर एक ऐसे योद्धा का जन्म हुआ जिसने केवल 13 साल की उम्र में ही अजमेर के राजगढ़ की गद्दी को संभाल लिया और उन्होंने मोहमद गोरी को लगभग 17 बार हराया था |
बचपन से ही पृथ्वीराज जी ने शस्त्र और शास्त्र दोनों को सीखा| इन्होने बचपन में ही एक योद्धा बनने के लिए जरूरी सभी कलाएं सीख ली थी | कहा जाता है के पृथ्वीराज संस्कृत, प्राकृत, मागधी, पैशाची, शौरसेनी और अपभ्रंश भाषा जैसी भाषाओं में निपुण थे और इसके अलावा वो मीमांसा, वेदान्त, गणित, पुराण, इतिहास, सैन्य विज्ञान और चिकित्सा शास्त्र जैसी विषयों को भी भली भांति जानते थे |
पृथ्वीराज के पास एक बड़ी सेना थी, सेना में 300 हठी और लगभग 3 लाख से ज्यादा सैनिक थे और एक बड़ी गिनती घुड़सवारों की भी थी | पृथ्वीराज की बहादुरी के किस्से जितने प्रसिद्ध हैं उतने ही प्रसिद्ध उनकी प्रेम कहानी भी है |
संयोगिता, कन्नौज के राजा जयचंद की बेटी थी और पृथ्वीराज को वो पसंद आ गयी| पृथ्वीराज संयोगिता को स्वयंवर से उठा लिया और संयोगिता के साथ गंधर्व विवाह कर लिया |
पृथ्वीराज जी का शाशन राजस्थान,हरियाणा तक फैला हुआ था और जैसे हमने पहले बताया के इन्होने मोहमद गोरी को लगभग 17 बार हराया था और कई बार तो मोहमद गोरी ने पृथ्वीराज के पैरों में गिर कर माफ़ी भी मांगी थी |
पर हरेक कुशल राजा का एक भेदी जरूर होता है,राज्य में कोई न कोई गद्दार जरूर होता है,उसी तरह जयचंद ने भी अपने राजा के साथ गद्दे की और मोहम्मद गोरी ने जयचंद की सहायता से 18 वीं बार पृथ्वीराज को हरा दिया और अपना बंदी बना लिया |
पृथ्वीराज के साथ चन्द्रवरदाई को भी बंदी बना लिया और पृथ्वीराज को सज़ा देने के लिए मोहमद गोरी ने इंसानियत की सारी हदें पार कर दी,अपनी हार का बदला लेने के लिए गोरी ने पृथ्वीराज की आँखों में लोहे की गर्म सलाखें घुसा दी और उनकी ऑंखें फोड़ दी |
पृथ्वीराज को मरने से पहले मोहम्मद गोरी ने चन्द्रवरदाई द्वारा पृथ्वीराज की अंतिम इच्छा पूछी तो उन्होंने अपनी शब्दभेदी बाण कला का प्रदर्शन करने की इच्छा जताई और गोरी इसके लिए मान गया | चन्द्रवरदाई और पृथ्वीराज ने गोरी को मारने की योजना बनाई और जैसे ही कार्यक्रम शुरू हुआ तो चंदबरदाई ने पृथ्वीराज को संकेत देने के लिए एक पंक्ति कही :
चार बांस चौबीस गज, अंगुल अष्ट प्रमाण, ता ऊपर सुल्तान है मत चूके चौहान
ये सुनके गोरी के मुँह से शाब्बाश निकला और पृथ्वीराज इसी का इंतज़ार कर रहे थे | जैसे ही गोरी ने शाब्बाश बोला वैसे ही पृथ्वीराज ने शब्दभेदी बाण चलाया और गोरी को मार दिया | गोरी की मौत के बाद उनकी हालत बुरी होने वाली थी इस लिए पृथ्वीराज और चंद्रवरदाई ने एक दूसरे को मार दिया और उनकी मौत की खबर सुन कर संयोगिता ने भी प्राण त्याग दिए |
फ़िल्मी जानकारी
ये तो थी कहानी पृथ्वीराज चौहान की अब देखने वाली बात ये है के फिल्म में इस महान योद्धा के जीवन के कौन कौन से पहलू को दिखाया जाएगा |
इस फिल्म में पृथ्वीराज का किरदार निभा रहे हैं अक्षय कुमार और संयोगिता का किरदार मानुषी छिल्लर निभा रही हैं | जो 2017 में विश्व सुंदरी का ख़िताब हासिल कर चुकी हैं |
इसके इलावा फिल्म में संजय दत्त, सोनू सूद, आशुतोष राणा जैसी मंझे हुए कलाकार नज़र आएंगे |
इस फिल्म के निर्देशक हैं चंद्रप्रकाश द्विवेदी जो इससे पहले बहुत सारे ऐतिहासिक कार्यक्रम बना चुके हैं जैसे चाणक्य, उपनिषद गंगा आदि और ये शो नेशनल टीवी पर प्रसारित होते थे |
इस फिल्म का बजट 300 करोड़ बताया जा रहा है जो इसे बॉलीवुड की सबसे महंगी फिल्मों की लिस्ट में शामिल कर देती है|
फिल्म से गुस्सा कुछ समाज
जब फिल्म का ट्रेलर लोगों के सामने आया तो राजपूत और गुर्जर समाज में फिल्म को लेकर गुस्सा पैदा हो गया | राजपूत और गुर्जर हमारे देश के सम्मानीय समाज है और दोनों ही पृथ्वीराज को उनके समाज का होने का दवा करते हैं और उन्होंने बताया के फिल्म में अगर दोनों समाजों के साथ या पृथ्वीराज जी के साथ किसी तरह की छेड़खानी की गयी या किसी तथ्य को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया तो अंजाम अच्छा नहीं होगा |
गुर्जर समाज के नेता बता रहे हैं के ये फिल्म पृथ्वीराज रासो पर आधारित है जो ब्रज और राजस्थानी भाषा में लिखी गयी थी और इसे चंदबरदाई ने लिखा था और ये कहाँ जाता है के ये पृथ्वीराज जी के दरबार में एक कवि थे |
कुछ इतिहासकारों का मानना है के चंदबरदाई ने पृथ्वीराज जी के शासन के 400 साल बाद यह रचना लिखी | तो अगर ये फिल्म इसी रचना पर आधारित है तो इस फिल्म में ऐतिहासिक त्रुटियां जरूर होंगी क्योंकि इस रचना में पृथ्वीराज जी को राजपूत राजा बताया है जबकि 13 वीं सदी से पहले राजपूत अस्तित्व में नहीं थे, और 13 वीं सदी के आसपास गुर्जरों का एक समूह राजपूत बन गया था |
और दूसरी तरफ राजपूत नेता गुर्जरों के इस दावे को झूठ बताते हैं और बोलते हैं के वो पृथ्वीराज जी के वंशज परिवार से संबंध रखते हैं तो ऐसे में गुर्जरों के दावे गलत हैं |
तो एक तरफ फिल्म के टाइटल को लेकर भी लोगों द्वारा आपत्ति जताई जा रही है के फिल्म बनाने वालों ने इतने महान योद्धा को फिल्म के टाइटल में सम्मान नहीं दिया | फिल्म का नाम पृथ्वीराज से बदल कर कुछ और रखने की बातें हो रही है |
ये तो फिल्म रिलीज़ होने से पहले की बातें है और अक्सर ऐसा ही होता है, जब ही कोई ऐतिहासिक विषय पर फिल्म बनती है तो लोग अपनी पनि राय और अपने अपने दावे लेकर पेश हो जाते हैं बिना फिल्म को देखे|
फिल्म 21 जनवरी 2022 को रिलीज़ होगी और फिल्म देखने के बाद ही पता चलेगा के इस महान योद्धा को फिल्म निर्माताओं ने कितना सम्मान दिया है |
फिल्म इतिहास को हु ब हु पेश करती है या तोड़ मरोड़ कर | तो फ़िलहाल आप फिल्म का इंतज़ार कीजिये और पढ़ते रहिये हमारे दूसरे आर्टिकल|