सीता का जन्म कैसे हुआ

रामायण काल में सीता के जन्म की अनोखी कहानी सुनने को मिलती है | कहा जाता है कि सीता का जन्म एक खेत में घड़े में हुआ था | आइये जानते हैं सीता का जन्म कैसे हुआ और सीता के जन्म से जुड़ी पूरी कहानी |

कुछ लोग सीता के जनम की तुलना आज के टेस्ट ट्यूब बेबी से भी करते हैं | लोगों का तो यहाँ तक कहना है कि जिस तरह टेस्ट ट्यूब से बच्चे का जन्म होता है उसी तरह से सीता का जन्म भी वैसी ही किसी तकनीक से हुआ होगा |

तो क्या उस समय का विज्ञान आज के विज्ञान से कहीं आगे था | क्या हमारे धर्म ग्रंथो में लिखी बातें विज्ञान की समझ और सोच से परे हैं |

आज हम भगवान राम की पत्नी सीता के जन्म से जुड़े रहस्य के बारे में जानने की कोशिश करेंगे |

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सीता का जन्म कैसे हुआ
सीता का जन्म कैसे हुआ

वाल्मीकि रामायण और कम्बन की तमिल रामअवताराम के अनुसार सीता का जन्म सीतामढ़ी बिहार में हुआ था | सीता जी का जनम खेत की जुताई के समय हुआ था |

जब महाराजा जनक खेत की जुताई कर रहे थे तब भूमि से उन्हें सीता जी की प्राप्ति हुई थी | इसलिए सीता को भूमि देवी की पुत्री कहा जाता है |

सीता अपने पिता जनक की दुलारी थी उनका पालन पोषण महाराजा जनक और उनकी पत्नी सुनैना ने बड़े लाड प्यार से किया था |

अगर रामायण मंजरी की बात की जाए जो की वाल्मीकि रामायण का बंगाली और दूसरे समीक्षकों के द्वारा किया गया वर्णन है उसके अनुसार जब राजा जनक ने आकाश से मेनका की आवाज सुनी तो उन्होंने एक बच्चे की इच्छा जाहिर की |

जिसके बाद उन्हें मेनका से सीता जी प्राप्ति ही और मेनका ने राजा को कहा कि सीता उनकी आध्यात्मिक संतान के रूप में जानी जाएगी |

वहीँ कुछ दूसरी किताबों जैसे की रमोपख्याना महाभारत और विमला सूरी की पउमचरिय में सीता को जनक की असली पुत्री बताया गया है | कहा जाता है कि

रमोपख्याना महाभारत वाल्मीकि रामायण के प्रामाणिक संस्करण पर आधारित है |

माना जाता है कि सीता का जनम भूमि से हुआ इस बात को बाद में वाल्मीकि रामायण में दाल दिया गया |

सीता का जन्म क्यूँ हुआ

रामायण के कुछ दूसरे संस्करणों के अनुसार सीता वेदवती का दूसरा जन्म था | वेदवती जो कि भगवान विष्णु की भक्त थी उसके साथ रावण ने दुराचार करने की प्रयास किया था |

लेकिन वेदवती ने अपने प्राण त्याग दिए थे और रावण को विनाश के लिए ही सीता के रूप में जन्म लिया था |

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क्या रावण की पुत्री थी सीता

ये बात सुनकर आपको बहुत अधिक अजीब लग सकता है लेकिन गुणभद्रा उत्तरा पुराण के अनुसार रावण ने अमितवेगा की पुत्री मनिवति का वैराग्ये भंग किया था जिसके कारण उसने प्रण किया था कि वो रावण का विनाश कर देगी |

मनिवति बाद में रावण के घर उसकी पुत्री के रूप में जन्मी थी | रावण को कुछ भविष्य वक्ताओं ने बताया था कि उसकी ये पुत्री उसकी मृत्यु का कारण बनेगी |

इसलिए रावण ने मनिवति को एक घड़े में रखकर मिटटी में दबाने का आदेश दिया था | जहाँ राजा जनक को वो सीता के रूप में मिली थी |

रामायण के जैनी संस्करण के अनुसार सीता रावण और उसकी पत्नी विद्याधरा माया की पहली संतान थी | जो रावण की मृत्यु का कारण बन सकती थी इसलिए रावण ने उसे मिटटी में दबाने का आदेश दिया था |

Mohan

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