मेस्सी को पीछे छोड़ चुके हैं छेत्री Sunil Chhetri Biography

Sunil Chhetri Biography in Hindi – भारतीय फुटबाल टीम के कप्तान सुनील छेत्री ने अपने करियर का 80 वां गोल दागकर अर्जेटीना के स्टार खिलाडी लियोन मेस्सी की बराबरी कर ली है | फुटबाल का क्रेज भारत में इतना नहीं है लेकिन इसके चाहने वाले कम भी नहीं हैं |

हमारे देश में क्रिकेट को लोग सबसे ज्यादा पसंद करते हैं, इस बात का अंदाज़ा आप क्रिकेट के मैचों के समय भरे हुए ग्राउंड देख कर लगा सकते हैं | पर ऐसा नहीं है के हमारे देश में और खेल नहीं खेले जाते, हमारे देश के पास फुटबॉल की भी टीम है और उस टीम के कप्तान हैं सुनील छेत्री |

आज हम आपको लगभग 100 के करीब मैच खेलने वाले सुनील छेत्री के बारे में बताएंगे | इन्होने बहुत सारे राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार जीते और फुटबॉल में हमारे देश का नाम रोशन किया |

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जन्म और बचपन :

सुनील छेत्री का जन्म 3 अगस्त 1984 को सिकंदराबाद में हुआ | इनके पिता के बी छेत्री भारतीय सेना में थे और माता जी सुशीला छेत्री गृहणी थी | पिता जी के सेना में होने की वजह से इनकी पढ़ाई एक जगह नहीं हुई, इन्होने गंगटोक के बहाई स्कूल, दार्जिलिंग के आरसीएस, कोलकाता के लोयोला स्कूल और दिल्ली के आर्मी पब्लिक स्कूल से अपनी पढ़ाई की | इन्हे बचपन से ही फूटबाल खेलने का शोक था और ये स्कूल के समय से ही अपना पूरा ध्यान फूटबाल पर दे रहे थे |  

करियर :

सुनील ने दिल्ली के सिटी क्लब के साथ अपने फूटबाल के करियर की शुरुआत की | 2001 में मलेशिया में हुए एशिया स्कूल चैंपियनशिप में भाग लेने के लिए अपनी 12 वीं की पढ़ाई छोड़ दी थी | जब इन्होने अपने करियर की शुरुआत की तो ये केवल 17 वर्ष के थे | अलग अलग जगह पर इनकी प्रतिभा को देखकर मोहन बागान में शामिल कर लिया | मोहन  बागान भारत का सबसे पुराना एथलेटिक और फूटबाल  क्लब है जो कोलकाता में है | 

सुनील एक ऐसे खिलाड़ी हैं जिसने जूनियर और सीनियर दोनों वर्गों में खेला हैं| 2007 में कम्बोडिआ के विरुद्ध 2 गोल और 2008 में ताजिकिस्तान के विरुद्ध 3 गोल करके ये सिद्ध कर दिया के सुनील एक अच्छे खिलाड़ी हैं, इनके किये गोल से ये रातों रात प्रसिद्ध हो गए | और इनके गोल ने भारत को 27 साल बाद एशिया कप में जगह दिलाई | 

सुनील की प्रतिभा को देखकर इन्हें बाहर से भी दूसरे देशों के लिए खेलने के प्रस्ताव आने लगे | 2010 में अमेरिका में हुए मेजर लग सोकर में कंसास सिटी की तरफ से खेलने गए | दूसरे देश के लिए खेलने वाले ये तीसरे भारतीय खिलाड़ी थे | 

2012 में सुनील डी पुर्तगाल नाम की एक स्पोर्टिंग टीम के लिए खेले और इनका खेल देखकर सभी लोग बहुत प्रभावित हुए | इसके बाद सुनील वापिस भारत आ गए और बैंगलुरु फूटबाल क्लब के साथ जुड़ गए | अभी ये इसी क्लब के प्रधान हैं |

2005 – 06 में सुनील JCT चले गए | JCT का पूरा नाम जगतजीत कॉटन एंड टेक्सटाइल फूटबाल क्लब है जिसकी स्थापना 1971 में हुई और ये क्लब पंजाब के होशियारपुर में है | JCT के लिए सुनील ने 2 गोल किये और लग में JCT को छठा स्थान मिला |

सुनील द्वारा किये गए अच्छे प्रदर्शन और गोल की वजह से JCT इस लीग  में तीसरे स्थान पर आ गयी थी | सुनील ने डेम्पो एससी  और मोहन बागान के खिलाफ गोल किये |  डेम्पो एस सी गोवा के पंजिम का एक फुटबॉल क्लब है | 

सुनील ने तोडा रिकॉर्ड :

हाल ही में सुनील ने, फूटबाल के सबसे बेहतरीन खिलाडी पेले का रिकॉर्ड तोडा है | पेले ब्राज़ील के खिलाडी हैं ,जिन्होंने अंतर्राष्टीय मैचों में 77 गोल किये और दूसरी तरफ सुनील ने सैफ चैंपियनशिप में  मालदीव्स के खिलाफ गोल करके पेले का रिकॉर्ड तोड़ दिया | सुनील ने अंतर्राष्टीय मैचों में 79 गोल किये | अंतर्राष्टीय स्तर पर सबसे ज्यादा गोल करने वालों में सुनील तीसरे नंबर पर आ गए | सुनील ने केवल 16 वर्ष कर करियर में 124 से ज्यादा मैच खेले हैं |

परिवार और विवाह:

सुनील छेत्री जातीय तोर पर नेपाली हैं | इनकी 2 बहने हैं जो जुड़वाँ हैं और दोनों ही बहुत अच्छी खिलाडी हैं और दोनों बहने नेपाल के लिए खेती हैं | सुनील ने 2017 में , भारत की एक पूर्व खिलाडी सुब्रोतो भट्टाचार्य की बेटी सोनम के साथ शादी कर ली | सुनील और सोनम काफी लम्बे समय से रिलेशन में थे और इसकी अफवाहें अक्सर आती रहती थी | सुब्रोतो भी एक फूटबाल प्लेयर थे जो मोहन बागान के लिए खेलते थे |

पुरस्कार :

सुनील को फूटबाल में बहुत सारे अवार्ड मिले और उन्होंने बहुत सारे क्लब्स के साथ खेल कर जीत हासिल की | सुनील के पुरस्कारों को सम्मान को और क्लब्स को हम तीन श्रेणियों में बांटेगे |

क्लब्स में जीत :

सुनील ने बहुत सारे क्लब्स के साथ खेला है , और जीता है :

  •   2009 – 10 में आई लीग – डेम्पो 
  •   2012 – 13 में आई लीग – चर्चिल ब्रदर्स 
  •   2013 – 14 में बंगलुरु ऍफ़ सी 
  •   2015 – 16 में  बंगलुरु ऍफ़ सी 
  •   2014 – 15 में इंडियन फेडरेशन कप – बंगलुरु ऍफ़ सी 
  •   2016 – 17 में इंडियन फेडरेशन कप – बंगलुरु ऍफ़ सी 
  •   2016 एफसी कप रनर अप
  •   2018 सुपर कप – बंगलुरु ऍफ़ सी 

नेशनल लेवल टूर्नामेंट्स :

  • नेहरू कप – 2007 , 2009  ,2012 
  • एएफसी चैलेंज   कप – 2008 
  • सैप चैंपियनशिप – 2011 , 2016 

निजी पुरस्कार :

इसके अलावा सुनील को बहुत सारे निजी पुरस्कार भी मिले | जो सुनील को अव्वल दर्जे का खिलाडी साबित करते हैं | 

  •  2011 – अर्जुन अवार्ड 
  •  2007, 2011, 2013, 2014 – एआईएफएफ प्लेयर ऑफ द ईयर 
  •  2009 – एफपीएआई इंडियर प्लेयर ऑफ द ईयर 
  •  2008 – एएफसी चैलेंज कप मोस्ट वैल्यूएबल प्लेयर
  •  2011 – सैफ चैंपिय​नशिप प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट
  •  2016—17 – हीरो ऑफ द आई लीग
  •  2017—18 – हीरो ऑफ द इंडियन सूपर लीग

इसके अलावा और भी बहुत सारे पुरस्कार सुनील को मिले हैं | 

सुनील फूटबाल के एक बेहतरीन खिलाड़ी हैं जो भारत के साथ साथ विदेशों के लिए भी खेले हैं | सुनील ने अपने  खेल प्रदर्शन से सभी को प्रभावित किया है  और भारत का नाम फूटबाल में  रोशन किया | आज भले ही फूटबाल में भारत काफी पीछे है पर जल्द ही क्रिकेट के जैसे भारत भी फुटबॉल में अव्वल नंबर पर आ जायेगा | 

Rahul Sharma

हमारा नाम है राहुल,अपने सुना ही होगा। रहने वाले हैं पटियाला के। नाजायज़ व्हट्सऐप्प शेयर करने की उम्र में, कलम और कीबोर्ड से खेल रहे हैं। लिखने पर सरकार कोई टैक्स नहीं लगाती है, शौक़ सिर्फ़ कलाकारी का रहा है, जिसे हम समय-समय पर व्यंग्य, आर्टिकल, बायोग्राफीज़ इत्यादि के ज़रिए पूरा कर लेते हैं | हमारी प्रेरणा आरक्षित नहीं है। कोई भी सजीव निर्जीव हमें प्रेरित कर सकती है। जीवन में यही सुख है के दिमाग काबू में है और साँसे चल रही है, बाकी आज कल का ज़माना तो पता ही है |

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