गैंडे के बारे में रोमांचक तथ्य

दुनिया में बहुत से जानवर लुप्त हो गये हैं जैसे की डायनासोर | लेकिन अभी भी इस पृथ्वी पर बहुत से विचित्र दिखने वाले जानवर बचे हैं |

आज हम आपको एक ऐसे जानवर के बारे में बताने जा रहे हैं जो कि हाथी जितना शक्तिशाली है और चीते जितना तेज |

हाथी के बाद सबसे बड़ा स्तनधारी जीव कोई है तो वो है गैंडा यानी Rhinoceros | इसे संक्षिप्त में Rhino भी कहा जाता है | आइए जानते हैं Rhinoceros Facts in Hindi.

Rhinoceros पिछले 5 करोड़ सालों से हमारी पृथ्वी पर मौजूद हैं |

गैंडे की चमड़ी बहुत अधिक मजबूत होती है | इसलिए पुराने समय में इसका बहुत अधिक शिकार होता रहा है | प्राचीन काल में इसकी चमड़ी से ढाल और कवच आदि भी बनाए जाते थे |

इसके शिकार को वीरता का प्रतीक भी माना जाता था | अधिक शिकार के कारण इनकी संख्या बहुत कम हो गई है जिसकी वजह से अब इनके संरक्षण की ज़रूरत है |

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गैंडे के बारे में रोमांचक फैक्ट्स Rhinoceros Facts in Hindi

rhinoceros facts in hindi
  • गैंडा एशिया और अफ्रीका के जंगलों में पाया जाता है | धरती पर इसकी कुल 5 प्रजातियाँ हैं | जिनके नाम इस तरह हैं काला गेंडा, सफेद गेंडा, भारतीय गेंडा, सुमात्रन गेंडा और जावन गेंडा |
  • गैंडे की लंबाई 6 फुट से 11 फुट तक हो सकती है |
  • एशिया में गैंडे मुख्यत भारत, नेपाल, मलेशिया, इंडोनेशिया और वियतनाम में पाए जाते हैं | एशिया में गैंडे की तीन प्रजातियाँ भारतीय गेंडा, सुमात्रन गेंडा और जावन गेंडा मिलती हैं | जबकि बाकी की दो प्रजातियाँ जो की काला गेंडा और सफेद गेंडा हैं अफ्रीका में मिलती हैं | 
  • भारत में गैंडों का संरक्षण असम के काजीरंगा नेशनल पार्क में किया जाता है | भारतीय गैंडों की कुल संख्या का दो तिहाई इसी पार्क में है |
  • गैंडों का कुल वजन 1000 किलोग्राम तक होता है जबकि सफेद गैंडों का वजन तो 3500 किलोग्राम तक हो सकता है |
  • गैंडों के सिर पर उगा हुआ सींग क्रिएटिन नामक प्रोटीन से बना होता है | ये वही प्रोटीन है जिससे हमारे हाथों के नाख़ून और बाल बनते हैं |
  • गैंडों का शिकार इनके सींगों की वजह से होता है | क्यूंकी कुछ धारणाओं के अनुसार इसके सींगों में खोई हुई यौवन शक्ति वापिस लाने का गुण होता है |
  • कुछ लोग इनके सींगों के बने ताबीज़ पहनते हैं जिससे वो बुरी शक्तियों से बच सकें | जबकि कुछ लोग मानते हैं इसके सींगों से बने प्यालों से पेय पदार्थ पीने से विष का असर नही होता जबकि इन सब मान्यताओं में कोई सच्चाई नही है |
  • इनका नाम Rhinoceros दो ग्रीक शब्दों को मिलकर बना है | Rhino और Ceros  – Rhino का अर्थ है नाक और Ceros का अर्थ है सींग | यानि नाक पर सींघ वाला जानवर |
  • गैंडों के देखने की शक्ति बहुत कम होती है | इन्हें 30 मीटर की दूरी तक भी चीज़ों को देखने में परेशानी होती है जबकि इनके सूंघने और सुनने की क्षमता बहुत अधिक होती है |
  • गैंडों को सूर्य की रोशनी से परेशानी होती है अपनी त्वचा को सूर्य की किरणों से बचाने के लिए ये कीचड़ में लेटते हैं  | अपने शरीर को पेड़ों और पथरो से रगड़कर परजीवीओ को अपनी त्वचा से उतार देते हैं |
  • गैंडों की गर्भावधि 15 से 16 महीने तक होती है | एक बार में मादा गेंडा एक ही बच्चे को जन्म देती है | जुड़वा बच्चे बहुत ही कम होते हैं | गैंडे के बच्चे अपनी माँ के साथ 2 से 3 साल की उम्र तक रहते हैं |
  • गैंडे 55 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से दौड़ सकते हैं |
  • गैंडे अधिकतर अकेले रहना पसंद करते हैं जबकि सफेद गैंडे इकट्ठे ग्रूप में रहते हैं | गैंडे के झुंड को Crash कहा जाता है |
  • गैंडे अपने शरीर पर Oxpeckers को बैठने देते हैं क्यूंकी ये गैंडों के शरीर से ectoparasites को खा लेते हैं | इसके अलावा ख़तरा होने पर Oxpeckers गैंडों को आगाह भी कर देते हैं | इसलिए ये मज़े से इन पक्षियों को अपने उपर बिठाते हैं |
  • गैंडे शाकाहारी जानवर हैं | इनके मुंह में 24 से 32 दाँत होते हैं जो की इनकी अलग अलग प्रजातियों पर निर्भर करते हैं |
  • गैंडे आपस में बहुत लड़ते रहते हैं | मादा गेंडा प्रजनन के लिए अपने मूत्र की गंध का इस्तेमाल करती है जिससे नर गेंडा वहाँ पहुँच जाए | एक से अधिक गैंडे के वहाँ पहुँचने पर जबरदस्त लड़ाई होती है | 50% नर और 30% मादा गैंडों की मौत लड़ाई की वजह से हो जाती है |
  • गैंडे अपने क्षेत्र को रेखांकित करने के लिए अपने गोबर का प्रयोग करते हैं |
  • भारतीय गैंडे 10 अलग अलग तरह की आवाज़ें निकालते हैं |
  • भारतीय नर गैंडे अपने मूत्र को 16 फीट की दूरी तक फैंकते हैं ऐसा वो अपनी डॉमिनेन्स दिखाने के लिए करते हैं | 
Mohan

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