पिछले साल प्रधान मंत्री जी ने किसानों के कानूनों को पास किया जिससे पूरे देश के किसान एकजुट हो गए और दिल्ली जाकर शांति पूर्वक आंदोलन करने लग गए। सरकारों ने उन्हें रोकने की बहुत कोशिश की पर किसानों ने हार नहीं मानी और लगभग 1 साल तक डटे रहे।
दिसंबर 2021 में प्रधान मंत्री जी ने कृषि बिल वापिस ले लिए जिससे किसानों के अंदर ख़ुशी की लहर दौड़ गयी। किसानों के इस संघर्ष में किसान नेताओं ने बहुत साथ दिया और जिन में से एक नाम है बलबीर सिंह राजेवाल जी का।
बलबीर सिंह राजेवाल ने अब खुले तौर पर राजनीति में कदम रख दिया है और अब देखना होगा के दूसरी पार्टियों के दिग्गज जैसे भगवंत मान, चरणजीत सिंह चन्नी और सुखबीर बादल किस तरह उनका मुकाबला करते हैं |
Balbir Singh Rajewal Biography in Hindi

किसान आंदोलन में राजेवाल जी ने किसानों का प्रतिनिधित्व किया और किसानों की मांगों को सरकार तक पहुंचाया। किसानों के संघर्ष में केवल हमारे देशवासिओ ने ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लोगों ने देश के किसानों का साथ दिया।
राजेवाल जी इस पूरे आंदोलन का हिस्सा रहे और किसानों का मार्गदर्शन करते रहे। सरकार के साथ बातचीत में भी वो सबसे आगे थे। अपने राजेवाल जी के दमदार और जोशीले भाषण तो जरूर सुने होंगे पर क्या आप राजेवाल जी के बार में जानते हैं ?
राजेवाल जी BKU यानी भारतीय किसान संघ के संस्थापक है और पंजाब में होने वाले 2022 के चुनाव में संयुक्त समाज मोर्चा यानी SSM नाम की एक राजनितिक पार्टी के ज़रिये चुनाव लड़ने की तयारी में हैं और ये इस पार्टी से पंजाब के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार भी हैं। आज हम आपको राजेवाल जी के पूरी जानकारी देंगे।
टेलेग्राफिस्ट से बने किसान नेता Balbir Singh Rajewal Biography in Hindi
राजेवाल जी का जन्म अगस्त 1943 को लुधियाना के राजेवाल में हुआ और इनके पिता जी का नाम आसा सिंह था। राजेवाल जी का परिवार शुरू से ही किसानों के हितों के लिए लड़ते आये हैं। राजेवाल के पिता के साथ साथ इनके भाई भी कई बार किसानों के लिए लड़ते हुए जेल जा चुके हैं।
राजेवाल जी ने अपनी पढ़ाई खन्ना के एक स्कूल से पूरी की और इसके बाद खन्ना के ही एक कॉलेज में दाखिला लिया।
राजेवाल जी ने शुरुआती समय में एक टेलेग्राफिस्ट के रूप में काम किया और ये पंजाब के टेलीफोन विभाग में एक कर्मचारी भी रह चुके हैं। 1968 तक राजेवाल जी ने अपनी नौकरी छोड़ कर खेती करनी शुरू कर दी और धीरे धीरे ये किसानी संघों के साथ जुड़ते गए।
आपको ये जान कर हैरानी और ख़ुशी होगी के राजेवाल जी की एक स्टेशनरी की दुकान है जिसे सच की दुकान कहा जाता है।
खास बात ये है के उस दुकान में कोई सेल्समेन नहीं है। दुकान के बाहर एक बक्सा रखा हुआ है, ग्राहक अपनी पसंद से सामान लेकर अपनी इच्छा मुताबिक उस बक्से में पैसे डाल देता है।
ये अपने आप में ही एक खास बात है।
1972 में चंडीगढ़ में कुछ किसान समूहों ने पंजाब खेतीबाड़ी जमींदारी यूनियन बनाने किस सोची और इस यूनियन का नाम PKU यानी पंजाब खेतीबाड़ी यूनियन रखा। राजेवाल जी इस यूनियन के संस्थापकों में से एक थे।
ये किसान यूनियन केवल पंजाब के किसानों के लोइये ही बनाई गयी थी पर इसे राष्ट्रिय स्तर पर लेकर जाना जरूरी था क्योंकि कसान चाहे पंजाब का हो या पूरे देश का, उनकी मुश्किलें एक ही होती हैं। 1978 में PKU को जब रष्ट्रीय स्तर पर लाया गया तो इसका नाम बदल कर BKU कर दिया जिसका अर्थ था भारतीय किसान संघ।
1974 में देश में एक खेती कानून लागु किया गया जिसमे किसानों को अपने राज्य के बाहर अपनी फसल बेचने पर रोक लगा दी ये कानून किसानों के लिए सही नहीं तह और इसके विरुद्ध राजेवाल जी ने ने आंदोलन शुरू कर दिया। 1983 में राजेवाल जी ने किसानों के बिजली मुद्दों पर भी संघर्ष किया।
2013 में सूखा से पीड़ित किसानों को न्याय दिलाने और राहत दिलाने के लिए भूख हड़ताल पर भी बैठे।
2020 में सितंबर में मौजूदा सरकार ने किसानों के लिए कुछ बिल पास किये। ये बिल किसानों को बिना पूछे उनपर थोपे गए जिससे पूरे देश के किसान नराज़ हो गए और वो दिल्ली में जाकर शांति पूर्ण संघर्ष करने लग गए।
राजेवाल जी ने इस संघर्ष में किसानों का साथ दिया और उनका मार्गदर्शन करते हुए इस आंदोलन को सफल किया। आखिरकार सरकार ने वो कानून वापिस ले लिए।
राजनैतिक सफर
राजेवाल जी को अलग अलग समय पर बहुत सारी राजनितिक पार्टियों से जुड़ने के ऑफर आते थे। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल जी ने भी राजेवाल जी को पार्टी का एक पद देना चाहा पर राजेवाल जी ने मना कर दिया।
आम आदमी पार्टी की तरफ से भी बलबीर सिंह राजेवाल को मुख्यमंत्री का चेहरा बनाये जाने की अफवाह मीडिया में आयी थी लेकिन अरविन्द केजरीवाल और राजेवाल ने इससे इंकार किया था |
2022 की पंजाब की चुनाव में वो खुद की राजनैतिक पार्टी संयुक्त समाज मोर्चा SSM के ज़रिये राजनीती में कदम रखने वाले हैं और ये इस पार्टी से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार भी हैं।
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विवादों में भी रहे राजेवाल
दिसंबर 2021 में जगजीत सिंह दल्लेवाल ने राजेवाल पर NRI लोगों से पैसा लेने की बात कही और इशारे में कहा के लुछ लोग मुख्यमंत्री बनने के लिए बहुत उतावले हैं। इसके बाद दल्लेवाल ने NRI लोगों से किसी भी राजनितिक पार्टी को पैसा न देने की बात कही है।
1974 के समय भी जब किसानों को राज्य से बाहर फसल नहीं बेचने दी जाती थी तो उस समय भी राजेवाल को जेल में डाल दिया था।
सुखबीर सिंह बदल ने राजेवाल पर ये आरोप लगाया था के राजेवाल ने अमित शाह जो के देश कर ग्रह मंत्री हैं उसके साथ कोई गुप्त सौदा किया है जिससे सभी किसानों को फायदे की जगह नुकसान होगा।
बलबीर सिंह राजेवाल आज पूरी तयारी में हैं के 2022 में होने वाले चुनाव में वो पंजाब की सियासत को हिला देंगे। राजेवाल जी हमेशा से ही किसानों के साथ खड़े हैं और आने वाले चुनाव में भी उनको मुद्दे किसानों से ही जुड़े हैं। अब ये देखने वाली बात होगी के 2022 में जनता राजेवाल जी को और उनकी पार्टी को कितना सपोर्ट करती है।