चंगेज खान का सम्पूर्ण इतिहास

इतिहास में कुछ लोग हमेशा याद किए जाते हैं और ये विडंबना ही है कि सबसे ज़्यादा उन लोगों को याद रखा जाता है जिन्होने विश्व में भारी तबाही मचाई |

आज हम आपको इतिहास के एक ऐसे ही क्रूर शासक के बारे में बताने जा रहे हैं जिसने पूरी दुनिया के बहुत बड़े भू भाग पर अपना अधिकार कर लिया था |

सिकंदर महान, तैमूर लंग और जूलियस सीजर जैसे बड़े सेनानायक भी चंगेज ख़ान के सामने कहीं नहीं टिकते थे | कुछ लोग चंगेज ख़ान को मुस्लिम मानते हैं | लेकिन असल में वो मुस्लिम नहीं था |

निसंदेह वो इतिहास का सबसे क्रूर सशक था लेकिन उसकी युद्ध नीति और कुशल नेतृत्व उसे एक महान सेनानायक भी बनाते है |

आइए जानते हैं चंगेज खान के इतिहास के बारे में |

चंगेज खान का इतिहास Changez Khan History in Hindi

चंगेज ख़ान का असली नाम तिमुचिन था | उसका जन्म मंगोलिया के एक ख़ानाबदोश कबीले में हुआ था | जब तिमुचिन की आयु सिर्फ़ 11 वर्ष के करीब थी तब उसके पिता येसुगेई बगातुर को तर्तार जनजाति के लोगों ने ने जहर देकर मार डाला था |

उसके पिता के जाने के बाद वो, उसकी मा और उसके 6 भाई बच गये थे | जिनकी जान के उपर ख़तरा था इसलिए उन्हें बचाने के लिए उसने दूसरे ख़ानाबदोश कबीलों से गठजोड़ करने शुरू कर दिए |

चंगेज ख़ान बचपन में बहुत ग़ुस्सेल था | उसने बचपन में अपने सौतेले भाई की हत्या केवल इसलिए कर दी थी कि क्यूंकि उसने उसका भोजन चुरा कर खा लिया था |

तिमुचिन का विवाह बोरता ख़ातून नाम की लड़की से हुआ उस समय तिमुचिन की आयु 16 वर्ष और बोरता की आयु 17 वर्ष थी |

शादी के कुछ समय बाद ही एक विरोधी कबीले मरकद ने उनपर हमला कर दिया | इस हमले में वो उसके भाई और माँ बच निकालने में कामयाब रहे लेकिन उस कबीले के लोगों ने उसकी पत्नी का अपहरण कर लिया |

असल में तिमुचिन के पिता ने एक विरोधी कबीले की लड़की को भगा कर उससे विवाह किया था जिसका बदला लेने के लिए उस कबीले वालों ने तिमुचिन की पत्नी को उठा लिया |

तिमुचिन ने 8 महीनो तक पीछा करके अपने साथियों के साथ बोरता को छुड़ा लिया | उसे छुड़वाने के कुछ समय बाद ही उसने एक बेटे को जन्म दिया जिसका नाम जोची था | 

तिमुचिन ने इसके बाद बहुत सी जनजातियों के साथ मेलजोल बढ़ाया और उसके पिता की हत्या करने वाले तर्तारों को ख़तम कर दिया |  तिमुचिन की ताक़त लगातार बढ़ती जा रही थी | 

जिसे देखकर बहुत सी दूसरी जनजातियों उसके विरोध में खड़ी हो गई | तिमुचिन ने विरोध करने वाली हर आवाज़ को दबा दिया | 

कैसे मिला चंगेज ख़ान नाम

तिमुचिन अब सभी कबीलों में सबसे ताक़तवर हो चुका था | मंगोलों की सभा कुरिल्तई ने 1206 में तिमुचिन को सभी जनजातियों का सरदार घोषित किया | मंगोलों ने तिमुछिन को कीगन का खिताब दिया और यही कीगन शब्द समय के साथ बिगड़ते हुए ख़ान बन गया |

चंगेज नाम भी उसे बहुत बाद में मिला | जब उसने दुनिया के एक बहुत बड़े भू भाग पर अपना अधिकार कर लिया | चंगेज शब्द का अर्थ होता है समुंद्र या विशाल सागर |

इस तरह चंगेज शब्द उस समय सबसे बड़े विजेता के लिए इस्तेमाल किया गया | तब से उसका नाम तिमुछिन से चिनगिस ख़ान या चंगेज ख़ान पड़ गया |

चंगेज ख़ान का विजय अभियान

इतिहास के अनुसार चंगेज ख़ान को दुनिया को फ़तेह करने का अपना विजय अभियान बहुत देरी से शुरू किया था | अगर उसने ये विजय अभियान जल्दी शुरू किया होता तो वो पूरी दुनिया को जीत सकता था |

जब चंगेज ख़ान की उमर 51 वर्ष हुई तो उसने दुनिया का सबसे बड़ा साम्राज्य खड़ा कर दिया था | जो कि इंग्लेंड की महारानी के साम्राज्य से थोड़ा बहुत ही कम होगा |

1206 तक उसने लगभग पूरे मंगोलिया पर अपना अधिकार कर लिया था |

इसके बाद चंगेज ख़ान 1215 में चीन की जिन डाइनेस्टी के खिलाफ अभियान छेड़ दिया और उसकी राजधानी ज़ोंगड़ू (Zhongdu) या आज के बीजिंग पर अधिकार कर लिया |

चंगेज ख़ान की महत्वकांक्षाएँ बढ़ती जा रही थी और अब उसने मध्य एशिया की ओर रुख़ किया | आज के ईरान को 1219 में उसने ख्वारिज्म के शाह को हराकर कब्ज़े में ले लिया | 

ख्वारिज्म के शाह को हराने के लिए उसने अपनी विशेष यूधनीति का सहारा लिया. वो शाह के साथ अपनी पहली जंग को जानबूझकर हार गया. जिससे शाह को यकीन हो गया की उसके सैनिक उसे हरा सकते हैं.

दूसरी बार उसने दूसरी दिशा से हमला किया जिसकी शाह को बिल्कुल भी उमीद नहीं थी. वो किजिल कूम रेगिस्तान को पार करके समरकंद के पश्चिम में बुखारा  के किले तक आ पहुँचा था |

उसने बुखारा, बलख, निशापुर और समरकंद में ऐसी बर्बादी फैलाई की जिसे देखकर लोगों की रूहें काँप गइ थी | कहा जाता है की उसने कुछ जगहों पर कुत्ते और बिल्लियों को भी मरवा दिया था |

वहाँ के इतिहासकार उसे शैतान की औलाद के नाम से पुकारते हैं |

समरकंद से बाद में तैमूर लंग और बाबर जैसे क्रूर शासक भी निकले. इन्होने भी दुनिया में भारी विध्वंश मचाया था |

बॅबर की मा चंगेज ख़ान की और पिता तैमूर लंग के वंश थे.

चंगेज ख़ान की सफलता का कारण

चंगेज ख़ान ने दुनिया को जीतने के लिए जो सेना बनाई थी उसकी संख्या बहुत ज़्यादा नहीं थी. लेकिन उसके पास जो भी सैनिक थे वो बहुत ही अनुशाशित थे.

चंगेज ख़ान प्रतिभा की बहुत कदर करता था. सेना में वो अपने पुराने दुश्मनो को भी उनकी क़ाबलियत के आधार पर तरक्की देता था.

चंगेज ख़ान जिस भी प्रदेश पर कब्जा करता था वहाँ जमकर लूट मचाता था. लूट का पूरा माल वो अपने सैनिकों में बाँट देता था.

लेकिन वो जीते हुए प्रदेशों के सैनिकों को अपनी सेना में मिला लेता था | जिससे उसके पास नये लड़ाकों की फौज हमेशा तैयार रहती थी |

उसने अपनी सेना को संगठित और हमेशा तैयार बनाए रखने के लिए शिकार का खेल खेलने का नियम बनाया था | जिससे उसके सैनिक तीर कमान चलाने में अभ्यस्त हो जाएँ और वो इसमें व्यस्त भी रहें |

चंगेज ख़ान के सफल युध अभियानो का कारण उसकी सेना के फुर्तीले सिपाही, अच्छे तीरन्दाज़, घुड़सवार और आग के गोले थे |

उसकी सेना ज़्यादा भारी समान नहीं उठाती थी बल्कि वो तेज़ी पर ज़्यादा ध्यान देती थी | भोजन के लिए सैनिक थके और बेकार हुए घोड़ों को मारकर खा जाते थे | 

चंगेज ख़ान ने सेना को संभालने के लिए दुनिया के सबसे ताक़तवर सेनापतियों की शृंखला बनाई थी जिसमे उसके बेटे जोची, चांगताई और जेबे आदि थे |

लाखों बच्चे पैदा किए

बीबीसी हिन्दी की एक रिपोर्ट की माने तो कुछ वर्ष पहले हुई एक रिसर्च में पता चला था की पूर्व मंगोलियाई साम्राज्य की सीमा में रहने वाले 8% पुरुषों के वाई क्रोमोसोम में एक निशान है जिससे पता चलता है की वो चंगेज ख़ान के वंश से संबंध रखते हैं |

इसी रिसर्च से ये निष्कर्ष भी निकाला गया की दुनिया के 1 करोड़ 60 लाख पुरुष जो की दुनिया की आबादी का 0.5% है, चंगेज ख़ान से संबंध रखते हैं |

तो कैसे इतने बच्चे पैदा किए थे इस शासक ने | असल में चंगेज ख़ान ने बहुत सी शादियाँ की थी. उसके 200 से अधिक बेटे थे | जिन्होने आगे बहुत से बेटे पैदा किए और उनके द्वारा बनाए गये हरमो में भी बहुत से बच्चे पैदा हुए | 

इस तरह उसके बच्चे, बच्चो के बच्चों से उसका खानदान बड़ा होता गया |

दुनिया का सबसे क्रूर शासक

चंगेज ख़ान एक क्रूर सशक था क्यूंकी उसके दुनिया को जीतने के अभियान में उसने दुनिया की उस समय की आबादी का 11 फीसदी ख़तम कर दिया था.

इतने बड़ी संख्या में लोगों के किसी इंसान के द्वारा मारे जाने की ये इतिहास की एक्लोटी घटना है. अपने जीवन काल में उसने लाघग 4 करोड़ लोगों को मौत के घाट उतार दिया था |

वो जिस भी जगह जाता वहाँ खोपड़ियों की मीनारें खड़ी कर देता था. उसका साम्राज्य 3 करोड़ वर्ग किलोमीटर तक फैला हुआ था जो कि पूरी पृथ्वी के भू भाग का लगभग 22% था | 

उसने ईरान, इराक़, चीन, रूस, उज़बेकिस्तान, बल्गेरिया और हंग्री तक अपने साम्राज्य का विस्तार कर लिया था.

भारत संभवत उसके इस विनाशकारी विजय अभियान से बच गया था. वो भारत में आना चाहता था लेकिन अपनी बीमारी और दिल्ली के सुल्तान इल्टुमिश के हर मानने के कारण वो पीछे हट गया और भारत एक बड़े विनाश से बच गया.

क्या मुस्लिम था चंगेज ख़ान

लोगों को लगता है की वो मुस्लिम था क्यूंकी उसके नाम के पीछे ख़ान लगता है लेकिन वो मुस्लिम नहीं था. बल्कि वो शमिनिस्म धर्म को मानता था जो की मंगोलिया और साइबेरिया के इलाक़ों के इलाक़ों में प्रचलित है.

उसने अपने विजया अभियानों में बहुत से लोगों की हत्यएं करवाई लेकिन वो सभी धर्मों का सम्मान करता था.

कहा जाता है की पादरियों, मोलवियों को नहीं मरता था | धर्म गुरुओं से वो धर्मों के बारे में चर्चा भी किया करता था |

चंगेज ख़ान की मृत्यु

चंगेज ख़ान जिसने दुनिया के इतना बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया था वो चाहता था की उसके मरने के बाद उसे कोई याद ना रखें.

वो खुद का कोई भी निशान नहीं छोड़ना चाहता था. इसलिए उसने अपनी वसीयत में लिखा की उसकी लाश को ऐसी जगह दफ़नाया जाए की किसी को भी इसका टा ना चले.

उसको दफ़नाने के बाद उन सैनिकों को मार दिया गया जिन्होने उसे दफ़नाया था. उसकी कब्र को आज तक कोई भी ढूंड पाया है.

उसकी मृतु 1227 में हुई थी जिसका कारण स्पस्त नहीं है. बीमारी की वजह से या घोड़े से गिरने की वजह से उसकी मृतु हुई थी.

मैं जनता हूँ की कुछ लोग चंगेज ख़ान से सिर्फ़ इसलिए भी नफ़रत कर सकते होंगे की उन्हें लगता था की वो एक क्रूर मुस्लिम सशक था. वो क्रूर था लेकिन वो मुस्लिम सशक नहीं था. जो दुनिया को जीतने की चाह में अँधा हो जाए और अपनी सत्ता को हमेशा के लिए बनाए रखना चाहे वो क्रूर हो सकता है फिर चाहे वो हिट्लर हो, चंगेज ख़ान या फिर कोई और.

Mohan

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